Korba

घर और खेत डूब गए थे..बच्चों की पढ़ाई नहीं डूबेगी..

युक्ति युक्तकरण से डुबान क्षेत्र के बच्चों के स्कूल को मिला शिक्षक

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ चारों तरफ से जंगलों और पर्वतों से घिरा यह गाँव है कोदवारी, जहाँ रहने वाले ज्यादातर परिवार गरीब है। कई दशक पहले जब बांगो बांध बना था तब आसपास रहने वाले परिवारों के खेत पानी में समा गए तो गाँव में रहने वाले अनेक परिवार आसपास जंगलों में जाकर बस गए। गाँव कोदवारी भी ऐसा ही एक गाँव है, जहाँ रहने वाले अधिकांश परिवारों के पास खेत नहीं है। जैसे तैसे वे जीवन यापन करते हैं। इस गाँव में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई के लिए शासन ने यहाँ प्राथमिक शाला खोली। कई साल तक विद्यालय में एकमात्र शिक्षक पदस्थ थे, जिससे स्कूल में कक्षा एक से लेकर पाँच तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। शिक्षक की कमी के बीच बच्चों के माता-पिता को भी लगता था कि कहीं उनके खेत.. उनके घर की तरह बच्चों की पढ़ाई न डूब जाएं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जब सभी जिलों में अतिशेष शिक्षको की जानकारी जुटाई गई और शिक्षको की कमी वाले विद्यालयों में युक्ति युक्तकरण की गई तो ग्राम कोदवारी के इस विद्यालय को भी नया शिक्षक मिल गया। अब यह विद्यालय एकलशिक्षकीय न होकर द्वि-शिक्षकीय हो गया है और स्कूल में गरीब परिवारों के बच्चों की कोई भी क्लास खाली नहीं रहती।

कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम कोदवारी में वर्ष 1998 से ईजीएस के रूप में शुरू हुई इस विद्यालय को 2005 में प्राथमिक शाला का दर्जा मिला। यहाँ पढाई करने वाले ज्यादातर विद्यार्थी अनुसूचित जनजाति परिवार के है। ग्राम पंचायत मड़ई संकुल अंतर्गत आने वाले इस विद्यालय में कुल 45 बच्चे दर्ज है। वर्ष 2006 से विद्यालय में पदस्थ प्रधानपाठक दिवाकर सिंह ने बताया कि एकलशिक्षकीय होने की वजह से विद्यार्थियों का पढाई में नुकसान होता था। सभी कक्षा के बच्चों को एक ही कमरे में बैठाकर पढ़ाना आसान भी नहीं है। एक कक्षा में पढ़ाने के दौरान दूसरे कक्षा के विद्यार्थी खाली रह जाते थे। उन्होंने बताया कि युक्ति युक्तकरण से उनके स्कूल में नए शिक्षक के आने से विद्यार्थियों सहित उन्हें भी बहुत सहूलियत हो गई है। जरूरी कार्य से अवकाश के दौरान भी यहाँ शिक्षक रहते हैं और विद्यार्थियों को बिठाकर पढाई कराई जाती है। युक्ति युक्तकरण से कोदवारी के प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक श्री मानिक दास दीवान का कहना है कि उन्होंने 16 जून को विद्यालय में अपनी जॉइनिंग दे दी थी। अब यहाँ नियमित आकर विद्यार्थियों को पढ़ाई कराते हैं। यहाँ कक्षा 1, 2 और 4 को मानिक दास दीवान और कक्षा 3 तथा 5 को प्रधानपाठक दिवाकर सिंह पढ़ाते हैं। विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा तीसरी के विद्यार्थी रितिक, कक्षा पाँचवी के सूरज, जीलावती, दिव्या ने बताया कि उनके विद्यालय में नए सर आ गए हैं तब से पहले से ज्यादा पढाई हो रही है। गाँव में रहने वाले शंकर सिंह ने बताया कि अब उनके स्कूल में शिक्षक आने के बाद पढाई पहले से और बढ़िया हो रही है।

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