Korba

कोरबा पावर लिमिटेड (केपीएल) संयंत्र के परिसर को किया गया संरक्षित क्षेत्र घोषित।

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कोरबा द्वारा कोरबा पावर लिमिटेड (केपीएल) संयंत्र पताढ़ी के अंदर (परिसर) को प्रतिषिद्ध (संरक्षित) क्षेत्र घोषित किया गया है।

न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कोरबा द्वारा 06 अक्टूबर 2025 को इस आशय का आदेश जारी किया गया है कि प्राधिकृत अधिकारी, कोरबा पावर लिमिटेड, पता-प्रोजेक्ट ऑफिस ग्राम-पताढ़ी, पोस्ट ऑफिस तिलकेजा, तहसील कोरबा, जिला-कोरबा (छ0ग0) का पत्र क्रमांक /एडीएम/केपीएल/2024-25/209 दिनांक 15.10.2024 द्वारा इस आशय का पत्र प्रस्तुत किया गया है कि कोरबा पावर लिमिटेड (केपीएल) संयंत्र ग्राम-पताढ़ी में ताप विद्युत गृह है, जो प्रभावित ग्राम-पताढ़ी, पहंदा, खोड्डल, ढनढनी, सरगबुंदिया, कटबितला तहसील व जिला – कोरबा (छ0ग0) में स्थित है। इस संयंत्र की स्थापना चार चरणों में प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि संयंत्र क्षेत्र ग्राम पताढ़ी के गेट क्रमांक-01 एवं 02 में समय-समय पर विभिन्न श्रमिक संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन, चक्काजाम, काम रोको, तालाबंदी जैसी अन्य गतिविधियां होने की संभावना बनी रहती है। जिसके चलते ग्राम-पताढ़ी संयंत्र परिक्षेत्र अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हो चुका है। अतः स्थापित संयंत्र और उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाले ग्रामों की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए एवं निर्वाध विद्युत उत्पादन हेतु संयंत्र क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने की आवश्यकता है। उक्त संबंध में इस न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 202412050400058/बी-121/2024-25 दर्ज कर अनुविभागीय अधिकारी (रा०) कोरबा से प्रतिवेदन लिया गया। अनुविभागीय अधिकारी (रा०) कोरबा द्वारा तहसीलदर बरपाली एवं थाना प्रभारी, थाना उरगा से प्रतिवेदन लिया जाकर प्रतिवेदित किया गया है कि कोरबा पावर लिमिटेड (केपीएल) संयंत्र ग्राम-पताढ़ी के गेट क्रमांक-01 एवं 02 में समय-समय पर विभिन्न श्रमिक संगठनों द्वाराधरना प्रदर्शन, चक्काजाम, काम रोको, तालाबंदी जैसी अन्य गतिविधियां संचालित होना लेख किया गया है। संयंत्र का परिक्षेत्र वर्तमान में अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र कारण उक्त संयंत्र मेंनिर्वाध उत्पादन हेतु संयंत्र को गोपनीय अधिनियम 1923 की धारा-2 (डी) एवं छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 की धारा-25, 26 एवं 28 के तहत् प्रतिषिद्ध (संरक्षित) क्षेत्र घोषित किये जाने की अनुशंसा की गई है।

उपरोक्त प्रतिवेदन से सहमत होते हुये छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम,1990 की धारा-25, 26 एवं 28 में प्रदत्त शक्तियों के तहत् व्यक्तियों के प्रवेश को विनियमित करने के उद्देश्य से जारी दिनांक से आगामी आदेश पर्यन्त की कालावधि के लिये उपरोक्त वर्णित संयंत्र के अन्दर (परिसर) को प्रतिषिद्ध (संरक्षित) क्षेत्र घोषित किया जाता है।

यदि कोई प्रतिबंधित गतिविधि उपरोक्त वर्णित क्षेत्र में की जाती है, तो अधिनियम की धारा-26 (3) एवं (4) के तहत् कार्यवाही की जा सकेगी।

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