जांजगीर-चांपा। सफलता एक दिन में नहीं मिलती बल्कि इसके लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन जब संघर्ष करते हुए सफलता मिलती है तो उसकी बात ही कुछ अलग होती है। ऐसे ही संघर्षों की कहानी तिलई गोठान में सब्जी-बाड़ी लगाकर और मुनाफा कमाकर स्व सहायता समूह की दीदियों के द्वारा लिखी जा रही है। महिलाएं कड़ी मेहनत करते हुए अपनी किस्मत को बदलने के साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए बेहतर स्वरोजगार की ओर बढ़ रही है।
जिले के अकलतरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत तिलई में गोठान का निर्माण किया गया। गोठान बनने के बाद स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रेरित करते हुए उनके माध्यम से सब्जी बाड़ी का कार्य शुरू कराया गया। तिलई गौठान में दो समूहों के द्वारा अक्टूबर 2021 से यह कार्य किया जा रहा है। इसमें दुर्गा एवं जय अन्नधारी स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा गोठान में सब्जी-भाजी लगाए हुए हैं।
मेहनत का मिला फल
गोठान में दुर्गा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष कृष्णाबाई एवं सचिव रामबाई एवं मॉ अन्नधारी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष अनिता यादव सचिव सुकुमारी यादव ने बताया कि गांव में रहते हुए जैसे-तैसे करके समूह का संचालन कर रहे थे, लेकिन जब से गोठान बना तब से उम्मीदों को पंख मिले। गोठान में बनाई गई जैविक खाद को सब्जियों में डालकर स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा है। अक्टूबर 2021 से गोठान में सब्जी लगाने का काम जो शुरू किया, वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया। समूह द्वारा करेला, टमाटर, बैगन, भिंडी, लोकी, पालक भाजी, धनिया, लाल भाजी, मूली, आलू, प्याज आदि लगाई गई। तीन-चार माह में भी गोठान में सब्जी-भाजी भरपूर होने लगी, सभी समूह की महिलाओं की मेहनत रंग लाने लगी, और उनके चेहरे बाड़ी को देखकर खिल उठे। उनके द्वारा लगाई गई सब्जी-भाजी को आज गांव के अधिकांश लोग लेकर जा रहे हैं। तो वहीं आसपास के हाटबाजार में भी समूह की महिलाओं की सब्जियां बिकने लगी हैं। दुर्गा स्व सहायता समूह ने एनआरएलएम के माध्यम से बैंक लिंकेज करते हुए बाड़ी विकास के लिए 1 लाख रूपए का ऋण लिया था, जिसमें से उन्होंने सब्जी भाजी के उत्पादन से मुनाफा कमाकर 50 हजार रूपए लोन के चुका दिये। वहीं रिवाल्विंग फंड से उन्हें 15 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई है। वहीं अन्नधारी समूह के लिए भी 15 हजार रूपए रिवाल्विंड फंड मिला, जिससे वह गतिविधि संचालित कर रही हैं। वहीं जय मां लक्ष्मी समूह के द्वारा गौठान में फलदार वृक्ष लगाए गए हैं। समूह के द्वारा आम, कटहल, बदाम, गुलमोहर, नीम, अमरूद, आवला, इमली, कदम के पेड़ लगाए है, जिससे आगामी दिनों में आमदनी होगी। वहीं अन्नधारी समूह द्वारा गेंदा के फूल लगाए गए हैं, जो नवरात्रि के समय तक बाजार में बेचने के लिए उपलब्ध हो जाएंगे।
गौठान से स्वरोजगार की ओर
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरिहा आलम ने बताया कि आजीविका संवर्धन की दिशा में जिले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में गोठान में लगातार काम किया जा रहा है। विगत दिनों कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एवं जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम ने निरीक्षण कर स्व सहायता समूह की महिलाओं से बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया था और उनके किये जा रहे कार्य की सराहना भी की थी। तिलई गौठान में समूहों के लिए बाड़ी विकास से संबंधित तकनीकी मार्गदर्शन उद्यानिकी विभाग सहायक संचालक श्रीमती रंजना मखीजा के द्वारा दिया जा रहा है, तो वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से उन्हें बैंक लिंकेज कराकर ऋण उपलब्ध कराया गया ताकि वे अपने कार्य को आसानी से कर सकें। तिलई गौठान के एडीईओ बैजनाथ राठौर ने बताया कि समूह की महिलाओं ने जब गौठान में आजीविका गतिविधि से जुड़ी तो उनके पास उतनी जानकारी नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया गया और आज सब्जी-भाजी के साथ बेहतर आजीविका प्राप्त कर रही हैं।