कोरबा (ट्रैक सिटी)/ स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने शनिवार को कोरबा में छापेमारी कर नक्सली रामा इचा को गिरफ्तार किया। वह कोयला खदान में मजदूरी करता था और मजदूर संगठनों के जरिए नक्सलियों को सहयोग पहुंचाता था। उसकी गिरफ्तारी ने रायपुर और कोरबा में सक्रिय नक्सली नेटवर्क का खुलासा किया है।
रायपुर से पकड़े गए दंपत्ति से कनेक्शन
जांच में सामने आया है कि रामा इचा का संपर्क हाल ही में रायपुर से पकड़े गए नक्सली दंपत्ति जग्गू कुरसम उर्फ रमेश और उसकी पत्नी कमला कुरसम से था। रामा कई बार उनसे मिलने रायपुर गया था और जग्गू-कमला भी उससे मिलने कोरबा पहुंचे थे। इनके बीच पैसों का लेन-देन भी हुआ।
शनिवार शाम रामा को बिलासपुर NIA कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया। तकनीकी जांच के बाद दो और संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, हालांकि उनकी औपचारिक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
रायपुर में पहले पकड़ा गया था नक्सली दंपत्ति
SIA, SIB और डीडी नगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 23 सितंबर की रात रायपुर के चंगोराभाठा इलाके से नक्सली दंपत्ति को गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान भैरंगढ़ डिवीजनल कमेटी (DVC) सदस्य जग्गू कुरसम (28) और उसकी पत्नी, एरिया कमेटी सदस्य कमला कुरसम के रूप में हुई थी। दोनों पिछले तीन-चार साल से रायपुर और आसपास के इलाकों में रहकर संगठन की गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे थे।
ठिकाना बदलकर छिपते रहे नक्सली
जांच में यह भी सामने आया है कि जग्गू और उसके संपर्क में रहने वाले लोग लगातार ठिकाना बदलते थे। वे कुछ महीनों से अधिक एक ही जगह पर नहीं रुकते थे। बस्तर लौटकर फिर नए ठिकाने की तलाश करते और रायपुर सहित आसपास के शहरों में सक्रिय रहते।
मजदूरी की आड़ में गतिविधियां
जग्गू ने खुद को छुपाने के लिए कई तरह के काम किए। वह सुरक्षा गार्ड से लेकर पोल्ट्री फार्म और भवन निर्माण में मजदूरी करता रहा। उसका मूवमेंट रायपुर के चंगोराभाठा, रायपुरा, अम्लेश्वर, बीरगांव, उरकुरा और सिलतरा के अलावा भिलाई, बिलासपुर और कोरबा तक फैला हुआ था।
पुलिस ने अब तक छह सहयोगियों की पहचान की है, जिनमें से एक को हिरासत में लिया गया है।