कोरबा

कलेक्टर संजीव झा ने जिले दूरस्थ क्षेत्र तानाखार और कोरबी पहुंचकर अल्पवर्षा,अवर्षा और खंड वर्षा की स्थिति का लिया जायजा

खेतों में जाकर फसलों का किया अवलोकन, किसानों से मिलकर कम बारिश में वैकल्पिक रूप से कुल्थी,रामतिल,उड़द ,तोरिया फसल लेने की चर्चा की

कोरबा/राज्य शासन के कम वर्षा वाले तहसीलो के सर्वेक्षण करने के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर संजीव झा ने बुधवार को जिले के दूरस्थ क्षेत्रों का दौरा कर जिले में अल्प वर्षा, खंड वर्षा और अवर्षा की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने तहसील दर्री के अंतर्गत स्याहीमुड़ी और तहसील पोड़ी उपरोड़ा के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर वर्षा की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के अंतर्गत ग्राम तानाखार और कोरबी में विभिन्न किसानों के खेतों में पैदल चलकर फसलों की वर्तमान स्थिति का अवलोकन किया। साथ ही कम वर्षा के कारण प्रभावित फसल की पूर्ति के लिए वैकल्पिक रूप में कुल्थी, रामतिल, उड़द, तोरिया आदि फसल लेने के लिए किसानों से चर्चा भी की। कलेक्टर ने वैकल्पिक फसल लेने के लिए गांवों में किसानों की बैठक आयोजित करने तथा किसानों को वैकल्पिक फसलों के बीज आदि प्रदान करने के निर्देश उपसंचालक कृषि को दिए। तानाखार में किसानों ने कलेक्टर श्री झा को बताया कि खंड वर्षा और कम बारिश के कारण रोपा और बोता विधि से लगाए गए धान के फसल प्रभावित हो रहे हैं। कलेक्टर ने कोरबी में भी  किसानों के खेतों में जाकर फसलों की स्थिति का जायजा लिया। कोरबी के कुछ किसानों ने गांव में ही हसदेव नदी पर बने लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम से पानी आपूर्ति करने की मांग की। किसानों ने लिफ्ट इरिगेशन में आवश्यक क्षमता के पम्प लगाकर और पाइप के माध्यम से खेतों तक पहुंचाने की मांग कलेक्टर से की। कलेक्टर श्री झा ने किसानों की मांग को संज्ञान में लेते हुए लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम से पंप और पाइप लगाकर खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश उप संचालक कृषि और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए। इस इस कार्य के पूर्ण रूप से संचालित होने से लगभग 200-250 एकड़ में सिंचाई हो सकेगी। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कंवर, एसडीएम पोंडी उपरोड़ा नंद जी पांडे, उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला सहित राजस्व एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है की कलेक्टर श्री झा ने कोरबा जिले मे वर्तमान मानसून सीजन के दौरान कम वर्षा, खण्ड वर्षा और अवर्षा के कारण प्रभावित हो रहे खरीफ फसल के आकलन के लिए जिले में विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के निर्देश दिये है।  उन्होने राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का एक सप्ताह के भीतर सर्वे करने के निर्देश दिये है।

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