15 दिन में ही वजन 5.1 किलो से 6.2 किलो हुआ
कोरबा /गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए जिले में स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। एनआरसी में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सुपोषित भोजन, पौष्टिक आहार एवं बच्चों की माताओं को सुपोषण से संबंधित जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा हैं। एनआरसी में दिये जा रहे पौष्टिक आहार एवं चिकित्सकीय उपचार के कारण गंभीर कुपोषित बच्चे तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। विकासखंड करतला के अंतर्गत ग्राम कलगामार निवासी संतोष कुमार की 19 माह की पुत्री कृति कुपोषण से लड़ रही थी। कृति को सुपोषित करने एक अपै्रल 2022 को करतला सीएससी के एनआरसी में भर्ती कराया गया। एनआरसी में भर्ती के समय बच्ची 19 माह की थी तथा वजन 5.1 किलोग्राम था। बच्ची कुपोषित होने के कारण चलने में सक्षम नहीं थी। दूसरे दिन बच्ची का लैब में जांच कराया गया तथा निर्धारित पौष्टिक आहार के साथ आवश्यक औषधि भी दिया गया। लगातार पौष्टिक आहार और जरूरी दवाईयों के सेवन करने से 15 दिन के पश्चात बच्ची का वजन 6.2 किलोग्राम हो गया। भर्ती होने पश्चात् लगातार उसके स्वास्थ्य एवं खुराक में सुधार होता गया। 15 दिन में ही कृति के वजन में 1.1 किलोग्राम की वृद्धि हुई। एनआरसी से डिस्जार्च होने के 15 दिन पश्चात फॉलोआप हेतु पुनः अस्पताल में चेकअप कराया गया।ं उस समय बच्ची के वजन में लगातार वृद्धि पाया गया। इस प्रकार इस प्रकार कुपोषण को हराने एनआरसी में भर्ती किए गए कृति को दिए गए पौष्टिक आहार और बेहतर देखभाल के कारण कृति जल्दी स्वस्थ हो गई।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा रणनीति तैयार कर गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण स्तर के सामान्य श्रेणी में लाने के लिए बच्चों को एनआरसी लाया जा रहा हैं। जिले में गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर इन बच्चों का नजदीकी एनआरसी में रखकर देखभाल किया जा रहा हैं। बेहतर देखभाल और दिये जा रहे पौष्टिक आहार के कारण कुपोषित बच्चे एनआरसी में भर्ती होकर कुपोषण से मुक्त हो रहे हैं। एनआरसी में बच्चों की वर्तमान कुपोषण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। एनआरसी में बच्चों की माताओं को बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए खानपान और देखभाल से संबंधित ट्रेनिंग भी दी जाती हैं। एनआरसी में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने देख रेख के साथ पोषण आहार भी दिया जा रहा हैं। कुपोषित बच्चों को एनआरसी में रखकर विशेष पोषण आधारित चिकित्सकीय उपचार और खानपान दिया जाता हैं। एनआरसी से डिस्चार्ज के उपरांत बच्चों का फालोअप भी लिया जाता है। एनआरसी में बच्चों के मनोरंजन खेल-कूद के भी साधन उपलब्ध हैं। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कमरे की दीवारों में आकर्षक कार्टून चित्रकारी होने से बच्चे खुशनुमा माहौल में कुपोषण को मात दे रहे हैं।