जांजगीर-चाँपा

छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लेना है जायका तो चले आएं गढ़कलेवा

समूह की दीदियां बना रही हैं चीला, फरा, बरा, चौसेला सहित ठेठरी, खुरमी

 जांजगीर-चांपा/ ट्रैक सिटी न्यूज़। छत्तीसगढ़ के स्वादिष्ट व्यंजन का जायका लेना है तो चले आइये एक बार जिला पंचायत परिसर जांजगीर में स्थित गढ़कलेवा में। जहां पर मिलेगा आपको चावल चीला, फरा, बरा, चौसेला, गुलगुल भजिया, ठेठरी, खुरमी के साथ स्वादिष्ट भोजन का आनंद। जिसे बनाती हैं, महामाया स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं।
जिले में एक ऐसा स्थान जिसका निर्माण कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं 14 वें वित्त की राशि से आजीविका संसाधन केन्द्र के रूप में किया गया। जहां पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ी हुई समूह की दीदियां छत्तीसगढ़ी व्यंजन तैयार करती हैं। इस स्थान पर आप बैठकर आराम से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पकवानों का आनंद ले सकते हैं। दो साल पहले खुले इस गढ़कलेवा का सुचारू रूप से संचालन जय मॉ महामाया स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया गया, जो नियमित रूप से चला रही है। समूह की सदस्यों का कहना है कि जिला पंचायत परिसर में महात्मा गांधी नरेगा से बनाए गए आजीविका संसाधन केन्द्र में जगह मिलने के बाद से ही बेहतर आजीविका प्राप्त हो रही है। जिसमें समूह की दीदियों द्वारा बनाए जा रहे छत्तीसगढ़ी व्यंजन लोग पसंद कर रहे हैं।

गरमागरम चावल के चीले के साथ भोजन
श्रीमती भगवती गौतम, श्रीमती देवकुमारी का कहना है कि छत्तीसगढ़ के व्यंजन खास त्योहारों पर भी लोगों के घरों में बनते हैं, लेकिन गढ़कलेवा में यह व्यंजन हर दिन मिलते हैं, जो लोग घरों में नहीं बना पाते वह आकर आर्डर देकर जाते हैं। जिसे समूह की दीदियों के द्वारा तैयार करके उपलब्ध कराया जाता है। छत्तीसगढ़ी पकवानों के अलावा गढ़कलेवा में सुबह नाश्ते में चावल का गरमागरम चीला, चटनी, सब्जी के साथ दिया जाता है। साथ ही दोपहर में भोजन की व्यवस्था भी रहती है। समूह की दीदियां श्रीमती ललिता वैष्णव, श्रीमती भगवती गौतम, श्रीमती देवकुमारी, श्रीमती सुनीता यादव, श्रीमती राधिका राज, अनीता राज आदि शािमल हैं। बिहान से जुड़ के सभी समूह की महिलाए आत्मनिर्भर बनी है। समूह की दीदियों का कहना है कि सरकारी दफ्तर जिला पंचायत में खुलने से न केवल विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों को बल्कि अपने काम से शासकीय कार्यालय आने वाले लोगों को भी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद मिल रहा है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, कलेक्टोरेट, पुलिस विभाग सहित आसपास के संस्थानों से लोग यहां आ रहे हैं। इससे अच्छा मुनाफा भी हो रहा है, जिससे घर-परिवार की जिम्मेदारी हम सभी महिलाएं आसानी से उठा पा रही हैं।
घर जैसा मिलता है स्वाद
गढ़कलेवा में घर जैसा ही स्वाद मिलता है यह कहना है श्रीमती दिव्या अनंत, बी. रक्षित, श्रीमती चंद्रकला राठौर, सुश्री श्रिया सिंह, सुश्री कौशल्या, सुश्री शिवानी, अनिल गौतम,  विकास भार्गव, सलमान खान का। वह कहते हैं कि घर से दूर रहकर जब अपने घर जैसा ही पकवान, नाश्ता, भोजन, मिले तो फिर उसकी बात ही कुछ अलग होती है। बहुत कम ऐसे स्थान होते हैं, जहां गढ़कलेवा जैसा पकवानों में अपनापन होता है।

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