कोरबा

निरीह मजदूरों का बेवजह ट्रांसफर, नहीं किया जायेगा बर्दाश्त -दीपेश मिश्रा

सुराकछार/एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा करार तोड़े जाने के चलते सुराकछार 3-4 नं खदान के 350 कामगारों को प्रबंधन द्वारा इधर उधर करने की तैयारी हैं।इस संबंध मे एटक के दीपेश मिश्रा ने बताया कि एन.टी.पी.सी. प्रबंधन एवं कोयला प्रबंधन के बीच यह समझौता हुआ था कि सुराकछार 3-4 खदान के फेस से कोयला निकालने के बाद जो खाली जगह बच जाता है उसे भरने के लिए एन.टी.पी.सी. द्वारा राखड़ सप्लाई किया जाएगा जो अभी तक तो हो रहा था परन्तु एकाएक एनटीपीसी प्रबंधन ने राखड़ सप्लाई को रोक दिया है जिसके चलते सुराकछार 3-4 खदान बंद होने की कगार में आ गया है और उसी के चलते सुराकछार प्रबंधन ने आनन-फानन में लगभग 350 मजदूरों को इधर-उधर ट्रांसफर करने का मन बना लिया है उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही वहां के श्रमिक संगठनों को इसकी भनक लगी तो सुराकछार इकाई के संयुक्त श्रम संगठनों ने बीते कल प्रबंधन पर श्रमिकों का ट्रांसफर रोकने के लिए भरपूर दबाव बनाया जिसे फिलहाल तो प्रबंधन ने माना है पर अभी भी मजदूरों के उपर स्थानांतरण की तलवार लटकी हुई है इस संबंध मे दीपेश मिश्रा ने सुराकछार प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी निरीह मजदूर का बेवजह ट्रांसफर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इसका पूरी ताकत के साथ खिलाफत किया जाएगा उन्होंने आगे कहा कि राखड़ सप्लाई समझौता कोयला प्रबंधन एवं एनटीपीसी प्रबंधन के बीच हुआ था इसमें मजदूर कंही भी नहीं था इसके बाद भी अगर एनटीपीसी प्रबंधन राखड़ सप्लाई नहीं कर रहा है तो उसके लिए मजदूर जिम्मेदार नही है पंरतु हर बार प्रबंधन अपनी नाकामियों का ठीकरा मजदूरों पर ही फोड़ना चाहता है यह अब नही चलेगा उन्होंने आगे कहा कि प्रबंधन बात बात पर मजदूरों का ट्रांसफर करना और धमकाना को पूरी तरह छोड़े वरना इसका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें दीपेश मिश्रा ने आगे कहा कि सबसे हैरान करनेवाली बात यह है कि वर्तमान में कोयला सप्लाई में कमी के चलते पूरे देश मे अफरा तफरी मची हुई है यहां तक कि कोयला सप्लाई बढ़ाने के लिए यात्री ट्रेनों को रोक दिया गया है वंही एनटीपीसी द्वारा राखड़ न सप्लाई करने से सुराकछार प्रबंधन खदान बंद कर रहा है यह समझ से परे है उन्होंने अंत मे कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन अगर राखड़ सप्लाई नहीं कर रहा है तो कोयला प्रबंधन उसके लिए प्रभावी कदम उठाए हम उनके साथ खड़े हैं परन्तु राखड़ नहीं मिलने का बहाना बनाकर खदान बंदी और मजदूरों का ट्रांसफर किसी भी कीमत में नहीं होने दिया जाएगा इसके लिए श्रम संगठन को किसी भी हद तक जाना पड़े वो जाएगा पर पीछे नहीं हटेगा।

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