कोरबा

पूर्वजो द्वारा वर्षो से काबिज वन भूमि का मालिकाना हक मिलने से वनवासी परिवारों की बदली जिन्दगी

सरकार तुंहर द्वार शिविर में 43 वनवासियो को मिला व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा

परम्परागत वनवासी परिवारों को खेती-किसानी में होगी आसानी, शासकीय योजनाओं का भी  मिलेगा बेहतर लाभ

कोरबा/कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल से जिले में आयोजित किए जा रहे सरकार तुंहर द्वार शिविरों से जिलेवासी लाभान्वित हो रहे है। शिविर के माध्यम से लोगो को राशन, पेंशन, किसान किताब, वन अधिकार पट्टा, राजस्व प्रकरणों के निराकरण आदि सुविधाएं शिविर स्थल में ही प्राप्त हो जा रही है। जिससे नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर काटने से मुक्ति मिल रही है। विकासखण्ड कोरबा के ग्राम कोरकोमा में 26 मई को आयोजित सरकार तुंहर द्वार शिविर 43 वनवासियों की जिन्दगी में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आया। शिविर में 43 वनवासियों को पुरखो द्वारा वर्षो से काबिज वन भूमि का मालिकाना हक मिल गया। पूर्वजो द्वारा काबिज जमीन का मालिकाना हक मिलने से वनवासी परिवारों की जिन्दगी बदल गयी। वनवासी नागरिकों को वन भूमि का पट्टा मिल जाने से अब उन्हें खेती-किसानी में असानी होगी। साथ ही शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में भी सहुलियत होगी।
शिविर के माध्यम से वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने वाले ग्राम कोल्गा के किसान वचन दास, लालचंद,  गंभीर सिंह तथा ग्राम मदनपुर के किसान तीजकुंवर एवं बालम सिंह ने बताया कि उनके पूर्वज वर्षो से वनांचल में जंगल साफ करके खेती किसानी करते आ रहे है। वन अधिकार पट्टा प्राप्त नही हुआ था तो जमीन छीन जाने का डर हमेशा बना रहता था। शासन ने वन भूमि का पट्टा देकर कई परिवारों की जिन्दगी बदल दी है। वन अधिकार पट्टा मिल जाने से वनवासी परिवारों को दूसरी सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। सहकारी समितियों से ऋण भी आसानी से मिलेगी। जमीन का मालिकाना हक मिल जाने से उगाई गई धान की समर्थन मूल्य में बिक्री भी आसानी से होगी।

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