मुनाफाखोरों द्वारा लॉकडाउन के नाम पर जमाखोरी की जा रही है।जिला प्रशासन सख्त कार्यवाही करे
रायपुर/ कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं सरकार में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कोरोना के तीसरी लहर पर कहा, दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन को उपलब्ध हुए लगभग एक साल हो चुके हैं, ऐसे में वैक्सीन का असर हमेशा प्रभावी बना रहे जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, ऐेसी स्थिति में सभी को बूस्टर डोज़ देने की प्रक्रिया तेज होनी चाहिए। विकास उपाध्याय ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि कुछ लोगों द्वारा निजी स्वार्थ के लिए लॉकडाउन लगने की अफवाह फैलाई जा रही है।ऐसे जमाखोरों और मुनाफाखोरों के विरुद्ध छापामार कार्यवाही कर उन्हें बेनकाब किया जाए।
विकास उपाध्याय ने कहा, फिलहाल कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के हालात निर्मित नहीं हुए हैं। जब भी इस तरह की स्थिति निर्मित होगी सरकार समय पूर्व से ही लोगों को आगाह करेगी। बावजूद कुछ लोगों द्वारा कोरोना संक्रमण के आड़ में समाज के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है। ऐसे जमाखोरों व मुनाफाखोरों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्यवाही करे। विकास उपाध्याय ने कहा, कोरोना के तीसरे लहर से लोगों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है और चूंकि वैक्सीन लेने के बाद भी लोग बीमार पड़ रहे हैं, इसलिए वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए ऐसा सोचना गलत है। उन्होंने कहा, जो भी अब तक वैक्सीन नहीं लगाए हैं वे तत्काल वैक्सीन के डोज़ निर्धारित स्थलों में जाकर लगवा लें। साथ ही उन्होंने कहा, वैक्सीन लगवा चुके लोगों में संक्रमण को सामान्य मान लेना चाहिए, साथ ही इसके साथ जीना सीखना चाहिए। इसलिए कि कोरोना अब किसी फ्लू की तरह है, जो हमेशा साथ रहने वाला है।
विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार द्वारा 10 जनवरी से घोषित बूस्टर डोज़ दिए जाने को लेकर कहा, चूंकि दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन को उपलब्ध हुए लगभग एक साल हो चुके हैं, ऐसे में समय बीतने के साथ वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा का स्तर कम होता जा रहा है। ऐसे में दिया जाने वाला बूस्टर डोज़ सभी को एक साथ उपलब्ध हो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने अमेरिकी सेन्टर फॉर डिजीज कन्ट्रोल एंड प्रिवेंशन सीडीसी के आँकड़े का जिक्र करते हुए कहा, वैक्सीन नहीं लगवाने लोगों में वैक्सीन लगवा चुके लोगों के मुकाबले संक्रमण का खतरा 10 गुना, जबकि मौत का खतरा 20 गुना ज्यादा है। ऐसी स्थिति में जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं वे कोरोना के इस तीसरी लहर में भी खतरे से बाहर रहेंगे। वहीं वैज्ञानिकों ने कहा है, बूस्टर डोज़ लगने के उपरांत किसी मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 81 फीसदी कम है और यह 88 फीसदी तक असरदार रहेगी।