कोरबा,23 फरवरी (ट्रैक सिटी न्यूज़) कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक में अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 7 महेशपुर में लिथियम खनिज का भंडार मिला है। यहां भूगर्भीय सर्वेक्षण की टीम सर्वे के काम में जुटी हुई है। ग्राम महेशपुर के अलावा रामपुरा नवागांव में भी खुदाई के दौरान लिथियम पाए जाने के संकेत मिले हैं। महेशपुर में तलाब के निकट इसका काफी बड़ी मात्रा में भंडारण होना पाया गया है। अभी जिस पैमाने पर लिथियम का भंडारण यहां पाया जा रहा है, उस आधार पर आने वाले दिनों में सर्वे का दायरा और बढ़ाया जा सकता है.
भारत में जम्मू कश्मीर में लिथियम का भंडार मिला था. इसकी क्षमता 59 लाख टन है. भारत में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में लीथियम मिला है. बताया ये भी जा रहा है कि, यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार हो सकता है. इतनी भारी मात्रा में लिथियम मिलने से नॉन फेरस मेटल के लिए अब भारत की निर्भरता दूसरे देशों से कम हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
लिथियम एक रासायनिक तत्व है। साधारण परिस्थितियों में यह प्रकृति की सबसे हल्की धातु और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ है। रासायनिक दृष्टि से यह क्षार धातु समूह का सदस्य है और अन्य क्षार धातुओं की तरह अत्यंत अभिक्रियाशील (रियेक्टिव) है, यानि अन्य पदार्थों के साथ तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया कर लेता है। यदी इसे हवा में रखा जाये तो यह जल्दी ही वायु में मौजूद ऑक्सीजन से अभिक्रिया करने लगता है, जो इसके शीघ्र ही आग पकड़ लेने में प्रकट होता है। इस कारणवश इसे तेल में डुबो कर रखा जाता है। तेल से निकालकर इसे काटे जाने पर यह चमकीला होता है लेकिन जल्द ही पहले भूरा-सा बनकर चमक खो देता है और फिर काला होने लगता है। अपनी इस अधिक अभिक्रियाशीलता की वजह से यह प्रकृति में शुद्ध रूप में कभी नहीं मिलता बल्कि केवल अन्य तत्वों के साथ यौगिकों में ही पाया जाता है। अपने कम घनत्व के कारण लिथियम बहुत हलका होता है और धातु होने के बावजूद इसे आसानी से चाकू से काटा जा सकता है।लिथियम की खोज सन 1817 मे जोहान अगस्त ( johan augest ) और आर्फवेडसन (arfvedson) ने की थी