कोरबा

घर में घुसकर रात भर फ्रीज के नीचे बैठा था अजगर, घर में हो सकता था एक बड़ा हादसा,

स्नेक रेस्क्यू टीम अध्यक्ष जितेन्द्र सारथी ने किया रेस्क्यू।

 

छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला सांपो को लेकर अक्सर सुर्खियों में बना रहता हैं जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सापों से जुड़ी खबरें आते रहती है फिर एक बार ऐसी ही घटना सामने आई हैं जहां एक घर में रात भर एक विशाल काय अजगर घर में घुसकर फ्रिज के नीचे रात भर आराम फरमाता रहा । जी हाँ कोरबा के गोकुल नगर में पप्पू सिंह जो की दूध बेचने का काम करते हैं उन्होंने बताया सुबह साफ सफ़ाई के दौरान अचानक से फ्रिज के नीचे एक विशाल काय अजगर दिखा जिसको भगाने का बहुत प्रयास किया गया पर वो नहीं निकला घर वाले इस बात से भी बहुत डरे सहमे रहें की अगर रात में सोते समय किसी को जकड़ लेता तो एक बड़ा हादसा होते होते टल गया। फिर आखिरकार सुबह इसकी जानकारी पप्पू सिंह ने कोरबा जिले के स्नेक रेस्क्यू टीम अध्यक्ष वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को इसकी जानकारी दी गई जिसके बाद जितेन्द्र सारथी बिना देरी किए गोकुल नगर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया । अजगर जो की फ्रिज के नीचे बैठा था वो वहा से बढ़ कर एक किनारे जाकर बैठ गया था फिर एक एक सामान को हटाया गया और बड़े आराम से उसको कमरे से बाहर निकाला फिर क्या था अजगर खतरा महसूस होने पर लगातार काटने का प्रयास करने लगा फिर उसको बोरे में डाल कर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। तब जाकार घर वालों ने राहत भरी सास ली साथ ही उन्होंने जितेन्द्र सारथी और उनकी पूरी टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया।

घर वालो ने बताया एक बहुत बड़ा हादसा हमारे घर में होते होते बचा गया कहीं अगर सोते वक्त ये अजगर किसी को पकड़ लेता तो उसको वही बिस्तर में ही वो दम तोड़ देता और हमें पता भी नहीं चलता, घर वालों के ये सोच कर रोंगटे खड़े हो रहे की आखिरकार अजगर घर में घुसा कहा से था।

जितेन्द्र सारथी ने बताया ये रात के समय कमरे का दरवाज़ा खुला रहा होगा जो शिकार के तलाश में घर के अंदर घुस गया होगा सुखद पहलू ये रहा की किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नही घटी इसलिए जितेन्द्र सारथी ने सभी आम जनों से अपील की हैं हमेशा सावधान रहें।

जितेन्द्र सारथी ने बताया अजगर भले ही जहरीला नहीं होता पर उसमें इतनी ताक़त रहती हैं की वो बड़े से बड़े को भी जकड़ के मार देने में सक्षम हैं इसलिए भूल से भी अजगर को लगने या पकड़ने की कोशिश न करें।

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