कोरिया

जिले में आवास निर्माण की बागडोर जल्द संभालेंगी महिला राजमिस्त्री

प्रधानमंत्री आवास योजना को गति देने युवाओं के साथ महिलाओं का भी प्रशिक्षण शुरू

कोरिया (ट्रैक सिटी)/ कोरिया जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास निर्माण कार्यों को गति देने अब महिलाएं भी राजमिस्त्री के रूप में योगदान देंगी। जिले में वर्तमान में 9,441 आवास स्वीकृत हैं, जिनमें से 3,732 पूर्ण हो चुके हैं जबकि 5,709 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बड़ी संख्या में निर्माण कार्य होने के कारण राजमिस्त्रियों की आवश्यकता को देखते हुए जिला प्रशासन ने युवाओं और महिलाओं दोनों को कौशल विकास प्रशिक्षण देने की पहल शुरू की है।

महिलाओं को मिल रहा प्रशिक्षण

कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा युवाओं और महिलाओं को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चयनित महिलाएं बिहान योजना के तहत स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। पहला प्रशिक्षण बैच ग्राम पंचायत बुढार में 35 युवाओं को दिया गया था। अब ग्राम पंचायत सरभोका में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण सत्र शुरू हो गया है। प्रशिक्षण के बाद ये महिलाएं भी प्रधानमंत्री आवास निर्माण मं  सक्रिय भूमिका निभाएंगी।

प्रशिक्षण की समय-सीमा और निगरानी

प्रत्येक बैच को एक माह का नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अब तक 35 युवाओं का प्रशिक्षण और एसेसमेंट पूर्ण हो चुका है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सहायक परियोजना अधिकारी (मनरेगा), आवास योजना ग्रामीण के जिला समन्वयक और सहायक अभियंता को निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। प्रशिक्षण स्थल का आकस्मिक निरीक्षण और प्रतिभागियों से फीडबैक लिया जा रहा है।

100 युवा और महिलाएं बनेंगे राजमिस्त्री आरसेटी के माध्यम से शुरुआती चरण में 100 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें से पहला बैच प्रशिक्षित होकर कार्य के लिए तैयार है। इसके बाद महिलाओं का एक बैच प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद एसेसमेंट कर प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जाएंगे।

गांवों में बनेगा सकारात्मक माहौल

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशिक्षित युवाओं की पहली टीम सोनहत क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास निर्माण को गति देगी। वहीं, महिलाओं का बैच प्रशिक्षण पूरा कर कार्य में जुटेगा तो गांवों में आत्मनिर्भरता का सकारात्मक माहौल बनेगा और निर्माण कार्य में गति आएगी।

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