Korba

पीएम सूर्यघर से छत पर जगमगाई रोशनी, दिल में लौटी उम्मीद।

कभी बिजली बिल देख इकबाल सिंह को लगता था झटका, अब बिल देख फर्क भी नहीं पड़ता।

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ बिजली की बढ़ती खपत और महंगे बिल हर आम व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। विशेषकर उन लोगों के लिए जो व्यवसाय से जुड़े हैं और जिनका पूरा काम बिजली पर निर्भर करता है। ऐसे में जब बिजली बिल किसी की आधी कमाई निगल जाए, तो वह व्यक्ति राहत की राह तकता है।

लेकिन भारत सरकार द्वारा संचालित योजना जिससे अब राहत मिली है प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के रूप में। कोरबा जिले के कसनिया, कटघोरा निवासी इकबाल सिंह इस योजना से लाभान्वित होकर न सिर्फ बिजली की परेशानी से मुक्त हुए, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है।

इकबाल सिंह पिछले कई वर्षों से होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। उनकी दो होटलें अगल-बगल स्थित हैं, जहां रोज़ाना सैकड़ों ग्राहक आते हैं। गर्मी हो या ठंड, बिजली की निर्बाध आपूर्ति उनके व्यवसाय के लिए अत्यंत आवश्यक थी। वो बताते हैं, बिजली जाने पर ग्राहक असहज हो जाते थे, खाना बनाने से लेकर कमरे की सुविधा तक हर काम बिजली से चलता था। जनरेटर एक विकल्प जरूर था, लेकिन वह अस्थायी और महंगा उपाय था। हर महीने का बिजली बिल ₹60,000 से भी अधिक आना सामान्य बात थी। इस बोझ के कारण वे अन्य आवश्यक खर्चों में कटौती करने को विवश थे।

श्री सिंह ने जब प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के बारे में सुना, तो उन्होंने तत्काल राष्ट्रीय पोर्टल [www.pmsuryaghar.gov.in] (https://www.pmsuryaghar.gov.in) पर जाकर पूरी जानकारी ली। योजना के अंतर्गत मिलने वाली 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी, पारदर्शी प्रक्रिया और तकनीकी सहयोग ने उन्हें विश्वास दिलाया कि यह योजना उनके लिए ही बनी है।

उन्होंने बिना देर किए 20 किलोवॉट क्षमता का रूफटॉप सोलर पैनल इंस्टॉल करा लिया। अब उनका पूरा होटल सोलर एनर्जी से चलता है। बिजली की कटौती हो या लोडशेडिंग, अब न उन्हें चिंता होती है और न ही ग्राहकों को असुविधा। सौर ऊर्जा अपनाने के बाद इकबाल सिंह का बिजली बिल ₹60,000 से घटकर लगभग ₹25,000 रह गया है। शेष ऊर्जा जरूरतें सौर ऊर्जा से पूरी हो जाती हैं और बची हुई यूनिट ग्रिड में भेजी जाती हैं, जिससे अगली बिलिंग में क्रेडिट मिलता है। वे बताते हैं, अब न सिर्फ पैसे की बचत हो रही है, बल्कि मैं यह भी जानता हूं कि मैं पर्यावरण की रक्षा में योगदान दे रहा हूं। प्राकृतिक संसाधनों से ऊर्जा उत्पन्न कर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य बना रहे हैं।

उन्होंने न केवल स्वयं इस योजना का लाभ उठाया, बल्कि अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और स्थानीय व्यवसायियों को भी इसके लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि अब तक उनके सुझाव पर 5 से अधिक लोगों ने योजना में रजिस्ट्रेशन कर सोलर पैनल लगवाया है।

कलेक्टर अजीत वसंत और जिला प्रशासन द्वारा जिले में इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया है। जागरूकता शिविरों, ऑनलाइन पोर्टल और विभागीय टीमों के सहयोग से हजारों लोगों को योजना से जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा,” मैं भारत सरकार, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का हृदय से धन्यवाद करता हूं। इस योजना ने हमारे जैसे व्यवसायियों के लिए राहत दी है। अब हम खुद को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर महसूस करते हैं।”

इकबाल सिंह की सफलता की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि सैकड़ों लोगों की प्रेरणा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के माध्यम से आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक स्तर पर व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। जो स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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