रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध निर्माण के नियमितिकरण के प्रकरणों के निराकरण में विलंब पर जताई गहरी नाराजगी

कलेक्टरों को प्राथमिकता के साथ प्रकरणों का निराकरण करने के दिए निर्देश


मुख्यमंत्री ने कहा जनता को सीधा लाभ पहुँचाने हेतु लाया गया है यह क़ानून: अधिक से अधिक लोगों को मिले लाभ


मुख्यमंत्री स्वयं अवैध निर्माण के नियमितिकरण के प्रकरणों की करेंगे समीक्षा


योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सहित नियमितिकरण के लिए लगाए जाएं कैंप

रायपुर, 30 जनवरी (ट्रैक सिटी न्यूज़) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध निर्माण के नियमितिकरण के प्रकरणों के निराकरण में विलंब पर गहरी नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने कलेक्टरों को प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए यह नियम लाया गया है, राज्य सरकार ने लोगों को अवैध निर्माण के नियमितिकरण कराने का मौका दिया है, इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिलना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसका जनता के बीच व्यापक प्रचार प्रसार करें। मुख्यमंत्री ने इस कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश देते हुए कहा है कि वे स्वयं प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने और कैंम्प लगाने के निर्देश दिए हैं। अपर संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवासीय एवं गैर आवासीय अनधिकृत निर्माण के नियमितिकरण हेतु छŸाीसगढ़ राज्य शासन के द्वारा प्रदेश में 14 जुलाई से छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण संशोधन अधिनियम 2022 एवं नियम 2022 प्रभावशील किया गया था। जिसमें 14 जुलाई तक अस्तित्व में आये आवासीय एवं गैर आवासीय तथा भूमि उपयोग का परिवर्तन कर किये गये, अनधिकृत निर्माण का नियमितिकरण किया जाना है। छत्तीसगढ़ विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम-64 के उपबंधों के पालन में छत्तीसगढ़ अनधिकृत निर्माण के नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक 2022 को 04 जनवरी 2023 को पुर्नस्थापित किया गया।
प्रकरण के निराकरण हेतु जिला नियमितिकरण प्राधिकारी का गठन किया गया है। जिसमें कलेक्टर रायपुर को अध्यक्ष एवं सदस्यों में जिला पुलिस अधीक्षक, संबंधित नगरीय निकाय, जिनके क्षेत्र का प्रकरण होगा या आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, संबंधित विकास प्राधिकरण, जिनके क्षेत्र का होगा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के प्रभारी अधिकारी को सदस्य सचिव नियुक्ति किया गया है।
इस अधिनियम नियम के तहत अनधिकृत विकास करने वाले व्यक्तियों से निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ 14 जुलाई 2023 तक 01 वर्ष के लिये नियमितिकरण हेतु आवेदन पत्र प्राप्त किये जायेगें। इस अवधि में 30 दिन की वृद्धि करने का अधिकार जिला कलेक्टर को दिये गये है। आवेदन पत्र की प्राप्ति हेतु नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद् एवं नगर पंचायत क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा निवेश क्षेत्र के भीतर किन्तु स्थानीय निकाय के बाहर संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय रायपुर अधिकृत किये गये है। नगरीय निकाय क्षेत्र के अंतर्गत स्थानीय निकाय के द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों को निर्धारित आवक पंजी में दर्ज कर, स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन, शास्ति की गणना, कर्मकार शुल्क की गणना की जाकर संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के माध्यम से नियमितिकरण प्राधिकारियों की गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाकर निराकरण किया जा रहा है।

द्वारा निर्धारित दर से सम्पत्ति कर का भुगतान किया जा रहा हो, ऐसे भवनों में यदि छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 अथवा संबंधित विकास योजना के अनुरूप पार्किंग उपलब्ध नहीं है तो 25 प्रतिशत तक पार्किंग हेतु देय शास्ति प्रत्येक कार स्थान हेतु 50 हजार रूपये, 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु 1 लाख रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक एवं 100 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु 2 लाख रूपये शास्ति देय होगा। 1 जनवरी 2011 अथवा उसके पश्चात् अस्तित्व में आये अनधिकृत विकास/निर्माण जिनकी भवन अनुज्ञा/विकास अनुज्ञा स्वीकृत हो, अथवा ऐसी अनधिकृत भवन जिसके लिए संबंधित स्थानीय निकाय में शासन द्वारा निर्धारित दर से सम्पत्ति कर का भुगतान किया जा रहा हो, ऐसे भवनों में यदि छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 अथवा संबंधित विकास योजना के अनुरूप पार्किंग उपलब्ध नहीं है तो 25 प्रतिशत तक पार्किंग हेतु देय शास्ति प्रत्येक कार स्थान हेतु 50 हजार रूपये, 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु 1 लाख रूपये शास्ति देय होगा। 50 प्रतिशत से अधिक एवं 75 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान हेतु 2 लाख रूपये शास्ति देय होगा।

शमन योग्य पार्किंग आवासीय अधिभोग में 500 वर्गमीटर तक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल निरंक, 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल 50 प्रतिशत होगा, इसी प्रकार गैर आवासीय अधिभोग में 500 वर्गमीटर तक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल निरंक, 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग हेतु उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल 50 प्रतिशत होगा। गैर लाभ अर्जन करने वाली सामाजिक संस्थाएं जो लाभ अर्जन के उद्देश्य से स्थापित न की गई हो के अनधिकृत विकास के प्रत्येक प्रकरण में शास्ति प्राक्कलित राशि के 50 प्रतिशत की दर से देय होगा। छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के नियम 39 में निर्धारित प्रावधानोंनुसार मार्ग की चौडाई उपलब्ध नहीं होने के कारण स्थल में विद्यमान गतिविधियों में किसी प्रकार का लोकहित प्रभावित न होने की स्थिति में नियमितिकरण किया जा सकेगा। आवेदन पत्र का प्रारूप संलग्न दस्तावेज इत्यादि की जानकारी स्थानीय निकाय एवं कार्यालय संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर एवं विभागीय वेबसाईड www.tcp.cg.gov.inसे प्राप्त की जा सकती है।

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