(ट्रैक सिटी)/ विगत 4 नवंबर को ग्राम गतौरा और बिलासपुर स्टेशन के बीच हुई भीषण रेल दुर्घटना का असर अब भी खत्म नहीं हुआ है। हादसे के बाद दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे ने ट्रेन संचालन में एहतियात बरतना शुरू कर दिया है, जिसके चलते एक्सप्रेस, मेमू लोकल और पैसेंजर गाड़ियाँ लगातार देरी से चल रही हैं।
रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी ट्रेनों की तकनीकी और सिग्नलिंग प्रणाली की गहन जांच शुरू कर दी है। हालांकि, यात्रियों को समय पर ट्रेन न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
4 नवंबर को हुए इस हादसे में 11 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। हादसे के कारणों का अब भी पता लगाया जा रहा है। रेलवे की जांच टीम ने ट्रेन की गति, इंजन की तकनीकी स्थिति और ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम की कार्यप्रणाली की जांच शुरू की है।
दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने वरिष्ठ अधिकारियों की टीम के साथ घटनास्थल और आसपास के स्टेशनों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बिलासपुर-कोरबा सेक्शन की ट्रेनों के परिचालन और सुरक्षा मानकों की समीक्षा करी।
निरीक्षण और जांच कार्य के चलते कई ट्रेनें निर्धारित समय से काफी देर से चल रहीं हैं। इसके अंतर्गत बिलासपुर-कोरबा मेमू लोकल (शाम 6.40 बजे) निर्धारित समय से तीन घंटे देरी से रात 10.16 बजे रवाना हुई और रात 12.19 बजे कोरबा पहुंची। गाड़ी संख्या 58204 रायपुर-कोरबा पैसेंजर (रात 11.20 बजे) 6 नवंबर को 1.56 बजे, जबकि 7 नवंबर को 12.57 बजे कोरबा पहुंची। गाड़ी संख्या 68746 रायपुर-कोरबा मेमू (रात 7.30 बजे) 6 नवंबर को 9.50 बजे, और 7 नवंबर को 8.07 बजे पहुंची।बिलासपुर-गेवरारोड मेमू (दोपहर 12.00 बजे) 6 नवंबर को 1.26 बजे, 7 नवंबर को 2.00 बजे, और 8 नवंबर को 12.42 बजे स्टेशन पहुंची।
उक्त हादसे के बाद लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। कई नियमित यात्री अब अन्य साधनों से सफर कर रहे हैं। रेलवे प्रशासन का कहना है कि जैसे ही तकनीकी जांच पूरी हो जाएगी, ट्रेन संचालन सामान्य कर दिया जाएगा। रेलवे अधिकारियों का दावा है कि “सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जब तक हर तकनीकी पहलू पूरी तरह सुरक्षित नहीं पाया जाता, ट्रेनों की रफ्तार सामान्य नहीं की जाएगी।”

