जांजगीर-चाँपा। बारिश के आते ही अक्सर ज़मीन पर रेंगने वाली मौत घरों में दस्तक देने लगती हैं और जाने अनजाने साप दंश हो जाता है जिसके कारण कई लोगों की सांसे थम जाती हैं, कई घरों के चिराग़ बुझ जाते हैं, घरों में मातम पसर जाता हैं, इस समय लोगों को ज़मीन पर सोने से बचना चाहिए, साथ ही सर्प दंश होने पर झाड़ फूंक के चक्कर में न पड़ कर हस्पताल का रुख करना चाहिए, ताकि सही समय रहते सर्प दंश व्यक्ति की जान बचाई जा सकें, पर अगर वो साप ही कभी बिना कारण के हस्पताल पहोंच जाए तो क्या होगा सोचिए,
जी हां छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले से ऐसे ही एक घटना सामने आईं, जांजगीर चांपा जिले के पंतोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर सर्प दंश व्यक्ति पहुंचते हैं पर इनको क्या मालूम था कि आज मरीज़ नहीं स्वयं साक्षात रेंगने वाली मौत हस्पताल पहोंच जाएगा, रोजाना की तरह सुबह सभी हस्पताल में अपना काम कर रहे थे और मरीजों का आना जाना शुरू ही हुआ था की अचानक से इनवर्टर के पास से कुछ गिरने की आवाज़ सुनाई दी, स्टॉफ ने पास जाकार देखा तो 5 फीट लम्बा साप इनवर्टर के निचे बैठा हुआ था, स्टॉफ डर से बाहर भाग खड़ा हुआ साथ ही सभी स्टॉफ को बताया की एक काले रंग का बड़ा सा साप घुस कर बैठा हैं, इस बात से पूरा स्टॉफ डर गया साथ ही मरीज भी डर गए और पूरा काम रुक गया, फिर सभी एक जगह एक तरफ खड़े होकर खड़े हो गए, सभी इतना डर गए थे की किसी की हिम्मत नहीं थी उस साप को भगा सके,जिसके बाद वहा पदस्थ डॉक्टर नील सागर यादव ने बिना देरी किए कोरबा के स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को इसकी जानकारी दी गई जिस पर सारथी ने दूरी अधिक होने के कारण समय अधिक लगने की बात कहीं साथ ही जल्द से जल्द पहुंचने की बात भी कहीं,
फिर जितेन्द्र सारथी अपने टीम के देवा आशीष रॉय के साथ कोरबा से पंतोर के लिए निकल गए,30 किलोमीटर सफ़र कर के पहुंचे रेस्क्यू टीम ने पहले तो सभी को बाहर निकाला और शांत किया, उनके डर को दूर किया, जिसके बाद सावधानी पूर्वक इनवर्टर को हटाया और बताया की यह धमना साप (Rat snake) हैं, जिसको धामन और घोड़ा पछाड़ भी बोलते हैं, ये बहुत ही लम्बा होता हैं, जिसके कारण अक्सर लोग डर जाते हैं और ये बिना जहर वाला साप हैं, इनवर्टर के निचे बैठे साप को जैसे ही पकड़ने के लिए किया पहले तो वो काटने के लिए हमला किया फिर उसको सावधानी पूर्वक रेस्क्यू कर बाहर निकाला, जिसके बाद आस पास के लोगों के साथ स्टॉफ लोगों की सांपो से जुड़ी सही जानकारी दिया, तब जाकार सभी ने राहत की सास ली साथ ही सभी ने जितेन्द्र सारथी और उनकी टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया।
जितेन्द्र सारथी ने बताया हमारे भारत में हर साल 50000 से अधिक मौत सिर्फ़ सांपो के काटने से होती हैं, सही समय में ईलाज नहीं हो पाना, झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ जाना साथ ही कई बार तो ये देखा गया हैं की लोग डर से भी खत्म हो जाते हैं, इसलिए जब भी सर्प दंश हो डरे नहीं अपने आप को शांत रखें और जल्द से जल्द हस्पताल पहुंचे।
डॉक्टर नील सागर यादव (इंचार्ज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जांजगीर चांपा जिला) ने बताया हमारे यहां इस समय आस पास के गांव से सर्प दंश मरीज़ पहुंचते रहते हैं, साथ ही हमारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में Snake Anti Venom हर समय उपलब्ध रहता हैं, साथ ही बताया हम लोग अक्सर सर्प दंश व्यक्ति की जान बचाने का प्रयास करते हैं पर साप से कौन नहीं डरता, आज भी साप को देख कर हम सभी बहुत डर गए थे।