कोरबा

जिले में छात्रावास-आश्रमों को संचालन की मिली अनुमति

कलेक्टर श्रीमती साहू ने कोविड संक्रमण कम होने के कारण दी अनुमति

कोरबा / कोविड संक्रमण के मद्देनजर बंद किए गए जिले के आश्रम -छात्रावास अब पुनः संचालित होंगे। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी आवासीय संस्थाएं यथा छात्रावास, आश्रम, एकलव्य, प्रयास आवासीय विद्यालयों को कक्षा आठवीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए संचालन की अनुमति दे दी हैं। वर्तमान में जिले में कोविड-19 संक्रमण की दर कम होने एवं 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण जारी रहने को ध्यान में रखते हुए आश्रम- छात्रावासों को संचालन की अनुमति दी गई हैं। आश्रम-छात्रावासांे को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संचालित किए जाएंगे। केवल कक्षा 8 वीं के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास निगरानी समिति, ग्राम पंचायत एवं पालकों की सहमति के आधार पर छात्रावास-आश्रमों का संचालन किया जा सकेगा।

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती माया वारियर ने बताया कि सभी छात्रावास-आश्रमों में विद्यार्थी के प्रवेश के पूर्व साफ-सफाई कराने के निर्देश दे दिये गये है। उन्होंने बताया है कि छात्रावास, आश्रमों, आवासीय विद्यालयों के प्रत्येक कक्षों को पूर्ण रूप से सेनिटाईज करने के उपरांत रहने के लिए उपयोग में लाया जाएगा। आश्रम-छात्रावासों के कमरों में फिनाईल, सेनिटाईजर आदि का छिड़काव किया जाएगा। समस्त विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को आवश्यक रूप से मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालना आवश्यक होगा। विद्यार्थियों के प्रवेश के पूर्व छात्र-छात्राओं स्वास्थ्य परीक्षण करा लिया जाएगा। किसी भी विद्यार्थी को यदि सर्दी, खांसी, बुखार आदि हो तो उसे संस्था में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। किसी भी विद्यार्थी को सर्दी, खांसी या बुखार आदि होने की स्थिति में तत्काल आवश्यक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराते हुए विद्यार्थी के पालक को तत्संबंधी सूचना दी जाएगी। केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोरोना संक्रमण से बचाव के निर्देशों का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाएगा। छात्रावास-आश्रमों में प्रवेशित विद्यार्थियों के निवास हेतु आगमन के पूर्व पालकों की सहमति आवश्यक होगी।

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