कोरबा

खेतों में नमी रबी फसल के लिए उपयुक्त, रबी सीजन में 43 हजार 680 हेक्टेयर में फसल लेने का लक्ष्य तय

कृषि विभाग द्वारा कृषि चौपाल के माध्यम से किसानों को दी जा रही रबी फसल लेने की सलाह

रबी फसल के लिए तिवरा, मसूर, सरसों एवं गेहूं बीज समितियों में उपलब्ध

कोरबा/ट्रैक सिटी न्यूज़। इस वर्ष सितंबर के अंत और अक्टूबर में वर्षा होने के कारण जमीन में नमी बनी हुई है। इस कारण रबी सीजन में अधिक से अधिक रबी फसलों के क्षेत्रअच्छादन में वृद्धि की जा सकती है। इस रबी सीजन कुल 43 हजार 680 हेक्टेयर में रबी फसल लेने का लक्ष्य तय किया गया है। कृषि विभाग द्वारा कृषि चौपाल के माध्यम से किसानों को रबी फसल लेने की सलाह दी जा रही है। कृषि विभाग के मैदानी अमले कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा किसानों को पशुओं चराई रोकने एवं क्षेत्र विस्तार हेतु भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। रबी फसल के लिए समितियों में गेहूं, सरसों, मसूर एवं तिवरा बीज उपलब्ध है। उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला ने बताया कि उतेरा फसल के लिए रबी फसल के बीज विकासखंडों में उपलब्ध करा दिया गया है। किसान कृषि केंद्रों में संपर्क कर बीज प्राप्त कर सकते हैं। किसान स्वयं का भी बीज उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मसूर बीज मिनीकिट जिले में पहली बार मंगाया गया है।
रबी फसल लेने वाले किसानों के लिए कृषि विभाग द्वारा समसामयिक सलाह जारी किया गया है। इसके तहत खेत की जुताई उपरांत 3 दिवस के अंदर फसल की बुवाई करने किसानों को सलाह दिया गया है। जिससे भूमि में नमी होने के कारण बीज का अंकुरण जल्दी हो सके। चने में बीज उपचार अवश्य करने कहा गया है। इसके लिए कार्बेंडाजीम दवा 1.5 ग्राम प्रति किलो बीज एवं राइजोबियम कल्चर 6 से 10 ग्राम तथा ट्राइकोडरमा पाउडर 6 से 10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करने की सलाह दी गई है। चने के जिन खेतों में उकठा एवं कॉलर राट बीमारी का प्रकोप प्रतिवर्ष होता है, वहां चने के स्थान पर गेहूं, तिवड़ा, कुसुम एवं अलसी की बुवाई करने कहा गया है। किसानों को केले के फसल में मिट्टी चढ़ाने का कार्य करने की सलाह दी गई है। पपीता की फसल में हर 15 दिन के अंतराल में कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का स्प्रे करने कहा गया है। शीतकालीन गोभी वर्गीय सब्जियों फूल गोभी, पत्ता गोभी एवं गांठ गोभी की अगेती किस्म डालने की सलाह दी गई है। टमाटर, बैंगन, मिर्च एवं शिमला मिर्च लगाने की तैयारी करने व थायरम एक ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करने भी कहा गया है। इसके अलावा इस माह मवेशियों के चारे के लिए बरसीम एवं जई की बुवाई करने की सलाह दी गई है। उप संचालक कृषि ने बताया कि विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी लेने, खेती किसानी से जुड़ी कोई भी समस्या के समाधान एवं कृषि सलाह लेने के लिए किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, विकासखंड में संचालित कृषि कार्यालय एवं जिला मुख्यालय में संचालित उप संचालक कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
उप संचालक कृषि ने बताया कि रबी वर्ष 2022 – 23 के लिए लक्ष्य अनुसार गेहूं फसल दो हजार 600 हेक्टेयर में ली जाएगी। इसी प्रकार मक्का के लिए 2000 हेक्टेयर, चना एक हजार 500 हेक्टेयर, मटर एक हजार 300 हेक्टेयर,  मसूर 200 हेक्टेयर, मूंग  400 हेक्टेयर,  उड़द 700 हेक्टेयर, तिवरा चार हजार 500 हेक्टेयर,  सरसों तोरिया पांच हजार 780 हेक्टेयर,  मूंगफली 500 हेक्टेयर, अलसी 1000 हेक्टेयर, कुसुम 2100 हेक्टेयर,  सूरजमुखी 100 हेक्टयर एवं सब्जी फसल 21 हजार हेक्टेयर में लेने का लक्ष्य तय किया गया है। उप संचालक कृषि ने बताया कि समितियों में गेहूं बीज ऊंची किस्म 3425 रुपए प्रति क्विंटल, बौनी किस्म 3400 रुपए प्रति क्विंटल, चना समस्त किस्म 7500 रुपए प्रति क्विंटल, मटर समस्त किस्म 8300 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर समस्त किस्म 8000 रुपए प्रति क्विंटल, तिवरा समस्त किस्म 5000 रुपए प्रति क्विंटल, सरसों समस्त किस्म 7000 रुपए प्रति क्विंटल, अलसी समस्त किस्म  6000 रुपए प्रति क्विंटल, कुसुम समस्त किस्म 6500 रुपए प्रति क्विंटल एवं मूंगफली समस्त किस्म 8200 रुपए प्रति क्विंटल की दर में उपलब्ध है।

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