कोरबा

ग्राम पंचायत बरपाली में हो रहे विकास कार्य को अवरूद्ध कराने की गई फर्जी शिकायत

 

सरपंच ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने और न्यायसंगत जांच कराने की मांग की

कहा – गांव में हो रहे विकास कार्य को बाधित करने की गई शिकायत बिल्कुल बेबुनियाद

सरपंच का आरोप- पूर्व सरपंच के कार्यकाल में ग्राम पंचायत बरपाली बन गया था भ्रष्टाचार का गढ़

कोरबा(करतला)/ट्रैक सिटी न्यूज़। ग्राम पंचायत बरपाली की सरपंच सुमित्रा बाई बिंझवार ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर गांव में हो रहे विकास कार्य को अवरूद्ध कराने की नीयत से की गई फर्जी शिकायत की न्यायिक जांच कराने और दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

जिलाधीश को सौंपे ज्ञापन में बताया गया है कि पूर्व सरपंच गोविंद नारायण कंवर के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुके ग्राम पंचायत बरपाली में पीएम आवास योजना, पेंशन, राशन कार्ड बनवाने के नाम पर ग्रामीणों से लाखों की उगाही की गई थी, जिस पर वर्तमान में पूर्णत: रोक लग गई है। ग्राम बरपाली में ग्राम पंचायत द्वारा सड़क, नाली, पेयजल विस्तार विस्तार जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है, जिसे देखते हुए दुर्भावनावश ग्राम पंचायत की छवि खराब करने ग्राम विकास विरोधी तत्वों द्वारा तथ्यहीन और फर्जी शिकायतें की गई हैं।

 

सरपंच सुमित्रा बाई बिंझवार ने आरोप लगाया है कि पूर्व में 5 से 10 नवम्बर के बीच मछली बीज के संबंध में बैक डेट 2 अक्टूबर को हुए ग्राम सभा का प्रस्ताव मांगा गया था। चूंकि ग्राम सभा का आयोजन 1 माह पूर्व ही हो चुका था और आदिवासी मछुआ समिति द्वारा इस संबंध में किसी भी तरह का प्रस्ताव नहीं रखने के चलते 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभा में इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई।

लगभग एक माह बीतने के बाद पूर्व सरपंच गोविंद नारायण कंवर तथा उसके अन्य साथियों द््वारा बैक डेट पर ग्राम सभा का प्रस्ताव जारी करने का दबाव बनाया गया, लेकिन नियम विरूद्ध और असंवैधानिक होने के कारण वर्तमान सरपंच और सचिव द्वारा ऐसा करने से मना कर दिया गया। इसके अलावा आदिवासी मछुआ समिति का संचालन भी गलत तरीके से किए जाने की शिकायत भी ग्रामीणों द््वारा की जाती रही है। इसी के चलते मछुआ समिति के सदस्यों ने दुर्भावनावश ग्राम पंचायत के विरूद्ध कलेक्टर से शिकायत की है।

सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि वर्तमान में ग्राम पंचायत बरपाली में नल-जल योजना की शुरूआत भी नहीं हो सकी है, बावजूद इसके ग्राम पंचायत द्वारा ग्रामीणों को नल-जल योजना से वंचित रखने की फर्जी शिकायत बिल्कुल बेबुनियाद है। सरपंच ने ज्ञापन सौंपकर कलेक्टर से गुहार लगाई है कि मामले की न्यायसंगत जांच कराते हुए दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि ग्राम बरपाली में विकास कार्य निर्बाध रूप से चल सके।

*डोंगरीभाठा स्थित मुड़ातालाब मछुआ समिति का आबंटन रद्द करने की मांग*

ग्राम पंचायत बरपाली के ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए द्वारा डोंगरीभाठा स्थित मुड़ा तालाब मछुआ समिति के आबंटन को रद्द करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने ग्राम पंचायत बरपाली के सरपंच को ज्ञापन भी सौंपा है।

कौन कर रहा है मछुआ समिति का संचालन?
सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत बरपाली के पूर्व सरपंच द्वारा डोंगरीभाठा के मुड़ा तालाब मछुआ समिति को सीधे 10 वर्ष के लिए आबंटन दे दिया गया। इतना ही नहीं पूर्व सरपंच ने अपने सगे भाई हेमंत कंवर को ही समिति का अध्यक्ष भी बना दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि समिति का संचालन बाहरी लोगों द्वारा किया जाता है, इससे गांव वालों को कोई लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने मुड़ा तालाब मछुआ समिति का आबंटन तत्काल रद्द करने और गांव की समिति को ही आबंटित किए जाने की मांग की है।

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