गरियाबंद

शादीशुदा पुरूष को पत्नी के रहते हुये नाबालिग लड़की को पत्नी बनाकर रखने पर भेजा गया जेल

गरियाबंद/ महिला एवं बाल विकास विभाग गरियाबंद के अधिकारी को दूरभाष से सूचना प्राप्त हुई, कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड के एक गांव में एक शादीशुदा पुरूष के द्वारा अपनी पहली पत्नी के रहते हुये गांव के ही एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर एवं भगा कर अपने घर में पत्नी बनाकर रखा हुआ था। जिस पर 15 अप्रैल को तत्काल जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर बालिका की आयु संबंधी दस्तावेज सत्यापन किया गया। जिसमें बालिका की आयु 17 वर्ष 03 माह होना पाया गया। पीड़िता पत्नी एवं नाबालिग बालिका के विषय की जानकारी अमलीपदर थाने में दी गई। आरोपी पति के विरुद्ध थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया। वर्तमान में आरोपी पति के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करते हुये पुलिस द्वारा जेल भेज दिया गया हैं। टीम द्वारा पीड़िता पत्नी, आरोपी पति एवं नाबालिग बालिका व स्थानीय लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 से अवगत कराया गया कि विवाह हेतु वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। निर्धारित आयु से कम आयु के महिला एवं पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते हैं। जिन्हें 02 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। इसी के साथ ही एक पत्नी के रहते हुये बिना उसके अनुमति एवं तलाक के दूसरी पत्नी को रखना कानूनी अपराध है। 18 वर्ष से कम आयु की किसी भी लड़की को भगाकर घर में पत्नी बनाकर रखना पॉक्सो एक्ट के तहत कानूनन अपराध है।
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