कोरबा/ धर्मेंद्र महिलांग को रसायन विषय मे पीएचडी कि उपाधि मिली इनका शोध कार्य ,,रिमूवल आफ हजार्ड्स वाटर पालयुटेन्ट फ्राम इंडस्ट्रियल वेस्ट बाय बायो सेप्रेशन टेक्निक,,टाॅपिक पर किया। आज के परिवेश में उद्योगों निकलने वाले वेस्ट पानी मे भारी धातु जैसे आर्सेनिक, कॉपर, जिंक, लेड विभिन्न माध्यमों से हमारे शरीर में प्रवेश कर गंभीर बीमारी उत्पन्न कर रहे है। पानी से भारी धातुओं को पृथक करने के लिए प्राकृतिक तरीकों से का शोध कार्य के लिए इन्हे मैट्स विश्वविद्यालय ने पीएचडी उपाधि प्रदान किया है।
यह शोध कार्य मैट्स विश्वविद्यालय रसायन विभाग के प्राध्यापक डाॅ संध्या रानी पंडा एवं डॉ उत्पल जैना प्राचार्य ( शिवा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी चांदपुर हिमाचल प्रदेश) के निर्देशन में पूर्ण किया है। i बचपन से ही प्रतिभावान रहे रहे श्री महिलांग शैक्षणिक एवं सामाजिक, शैक्षणिक जागरूकता कार्यों में सक्रिय रहते हैं। वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय सरगांव मुंगेली मे ग्रंथालय प्रभारी के रुप मे पदस्थ है। साथ में पीएससी एवं व्यापम के परीक्षा के प्रतियोगीयो के बीच मार्गदर्शन के लिए लोकप्रिय है। उपलब्धि के लिए इन्हें सतनामी कल्याण समिति कुसमुंडा के अध्यक्ष वीरेंद्र टंडन, सचिव रामलाल जांगड़े, उपाध्यक्ष आशीष भार्गव, कोषाध्यक्ष पूरन सतनामी एवम श्रीमती उषा टंडन ने उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी है।