जांजगीर-चाँपा

बैंक सखी ग्रामीणों के लिए बनी मील का पत्थर, बैंक आपके द्वार को कर रही साकार

गांव-गांव में पेंशनधारी, मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी भुगतान के साथ दे रही हैं बैंकिंग सुविधाएं

 

सक्रिय रूप से कियोस्क से 20 एवं पे-प्वांइट से 162 बीसी सखी जुड़ी

जांजगीर-चांपा/ट्रैक सिटी न्यूज़। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) बिहान से जुड़ी बीसी सखी (बैंक कॉरस्पोंडेंट) गांव-गांव में ऑनलाइन सुविधा मुहैया करा रही है। जिससे गांव के ग्रामीणों, पेंशनधारी, महात्मा गांधी नरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान, किसान सम्मान निधि, गोधन न्याय योजना की राशि प्राप्त करने में आसानी हो रही है। ग्रामीणों को बैंक या दूरदराज में स्थित ऑनलाइन दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं बल्कि आसानी से बीसी सखी के माध्यम से सुविधाओं का लाभ ले पा रहे हैं। इन बीसी सखियों ने कोविड के दौरान जिस समय सारा देश रूक गया था उस समय गांव-गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचाई। आज जिले की बैंक सखी मील का पत्थर साबित होकर बैंक आपके द्वार की टैग लाइन को सही साबित कर रही हैं।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ ज्योति पटेल ने बताया कि जिले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में स्व सहायता समूह बिहान योजना से जुड़ी बीसी सखी बेहतर कार्य कर रही हैं। जिले में सक्रिय रूप से 162 बीसी सखी एवं कियोस्क के माध्यम से 20 बीसी सखी कार्य कर रही हैं। जिनको ऑनलाइन, बैंकिंग सॉफटवेयर में प्रशिक्षित करने के बाद बैंक से सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त किया गया। जो बायोमेट्रिक डिवाइस, एंड्राइड फोन के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिंग यूनिट के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। बैंक सखी महात्मा गांधी नरेगा की ऑन द स्पॉट मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा बुजुर्ग पेंशनधारियों को पैसा निकालने के लिए घर-घर पहुंच सेवा दी जा रही है। गांव में ही शिविर लगाकर सरकारी योजनाओं की राशि का भुगतान किया जा रहा है। एनआरएलएम शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कियोस्क बीसी सखी 20 एवं पे-प्वाइंट 162 बीसी सखी के माध्यम से ऑनलाइन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। 1 लाख 12 हजार 587 लोगों का 15 करोड 18 लाख 66 हजार 331 रूपए ट्रांजेक्शन बीसी सखी के माध्यम से किया गया है।
बीसी सखी हजारों लोगों को पहुंचा चुकी हैं लाभ
बीसी सखी श्रीमती पंकजनी ढीमर का कहना है कि विकासखण्ड अकलतरा के ग्राम पंचायत खटोला, परसाहीबाना, चंगोरी, अमलीपाली, सोनाईडीह, कोटगढ़, बरगवां आदि गांवों में बैंकिंग सेवा दे रही हैं। उनके द्वारा 35 हजार 800 लोगों को लाभ पहुंचा चुकी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 6 करोड़ एवं 2022-23 में 5 करोड़ रूपए की निकासी एवं जमा की गई है। इसके एवज में उन्हें एक निर्धारित कमीशन की राशि लाभ के रूप में प्राप्त होती है, जिससे वे अपने परिवार के पालन-पोषण में खर्च करती हैं। जिला राज्योत्सव एवं सरकारी दफ्तरों में भी उनके द्वारा बैंकिंग की सुविधा दी गई है। जनपद पंचायत बम्हनीडीह मुख्यालय ग्राम पंचायत झर्रा की जय मां शारदा स्व-सहायता समूह की श्रीमति लक्ष्मी साहू (पे-पांइट बी.सी.सखी ) का कार्य कर रही हैं। वह अपने गांव के साथ ही आस-पास के गांव में भी सेवा दे रही हैं और उनके द्वारा पैसा निकासी, पैसा जमा, मोबाईल रिचार्ज, मनी ट्रासफर, बिजली बिल भुगतान, मनरेगा मजदूरी भुगतान की सेवाऐं उपलब्ध करा रही हैं। कोविड-19 कोरोना महामारी के दौरान भी लक्ष्मी साहू ने हितग्राहियों के घर घर जाकर उनको सेवा प्रदान की। पामगढ़ विकासखण्ड ग्राम पंचायत मुलमुला की प्रीति पांडू ने बताया कि उनके द्वारा 2070 हितग्राहियों को लाभ पहुंचाते हुए 97 लाख 23 हजार 383 रूपए का ट्रांजेक्शन डीजी पे के माध्यम से किया गया। वहीं बिलारी ग्राम पंचायत की ललिता रात्रे ने 2 हजार 648 नागरिकों को ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा देते हुए 5 लाख 71 हजार 166 रूपए की जमा, निकासी की। इसके अलावा कियोस्क एवं डीजी पे के माध्यम से ग्राम पंचायत चेऊडीह की अनीता कुर्रे ने 4 हजार 23 लोगों को ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा मुहैया कराते हुए 1 करोड़ 84 लाख 33 हजार 324 रूपए की राशि का ग्रामीणों, महिलाओं, श्रमिकों, पेंशनधारियों की जमा, निकासी की।
लॉकडाउन में बीसी सखी ने दी बैंकिंग की घर-घर सेवांए
कोविड-19 के दौरान जब कोरोना वायरस की महामारी के चलते लोगों की आवाजाही बंद हो गई थी और लोगों को पैसों के लेनदेन को लेकर परेशानी आई ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की स्व सहायता समूह बीसी सखी की महिलाएं मील का पत्थर साबित हुई। उनके द्वारा कोविड-19 की महामारी के बीच कोरोना फाइटर की तरह कार्य किया गया। लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद ग्रामीणों को घर पर ही बैंकिंग की सुविधाएं पहुंचाई।

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