यहॉं उल्लेखनीय है कि आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने शहर की स्वच्छता व निगम की बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था के प्रति गंभीर रूख अख्तियार किया है, एक ओर जहॉं साफ-सफाई के कार्यो में कसावट लाकर धरातलीय स्तर पर स्वच्छता कार्यो को अंजाम दिए जाने की कवायद प्रारंभ कर दी गई हैं, वहीं दूसरी ओर उत्सर्जित अपशिष्ट के उचित प्रबंधन की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैंं। आयुक्त श्री पाण्डेय ने खुद फील्ड में उतरकर सफाई कार्यो की वास्तविकता का जायजा ले रहे हैं एवं बेहतर सफाई कार्य हेतु अधिकारियों का निरंतर मार्गदर्शन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कचरे के उचित प्रबंधन की दिशा में अपशिष्ट से कम्पोस्ट निर्माण की कार्यप्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है। डोर-टू-डोर अपशिष्ट संग्रहण व्यवस्था में और अधिक कसावट लायी जा रही है, संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर आयुक्त श्री पाण्डेय के निर्देश पर वार्ड एवं बस्तियों में विशेष सफाई अभियान (स्वच्छता ड्राईव) चलाने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
प्रायः देखने में आता है कि दुकानों एवं प्रतिष्ठानों से उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट को व्यवसायियों द्वारा रात्रि में दुकान बंद करते समय सड़क, फुटपाथ या नालियों में डाल दिया जाता है, जिससे सड़कों में रातभर गदंगी बिखरी रहती है तथा सुबह उठते ही सड़कों पर गदंगी का आलम दिखाई देता है, वहीं दूसरी ओर नालियों की जाम होने की समस्या उत्पन्न होती है व शहर की साफ-सफाई व्यवस्था व स्वच्छता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसे गंभीरता से लेते हुए आयुक्त श्री पाण्डेय ने व्यवसायिक क्षेत्रों में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था का तुरंत क्रियान्वयन किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे, निगम द्वारा शीघ्र ही शहर के व्यवसायिक क्षेत्रों में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था प्रारंभ की जा रही हैं। रात्रि 08 से 10 बजे तक निगम का सफाई वाहन व्यवसायिक क्षेत्रों में पहुंचकर डोर-टू-डोर दुकानों-प्रतिष्ठानों में जाएगा तथा अपशिष्ट संग्रहण का कार्य करेगा, इसके साथ ही स्वीपिंग कार्य भी संपादित कराया जाएगा।
स्वच्छता वाहन में ही अनिवार्य रूप से दें अपशिष्ट- निगम द्वारा व्यापारीबंधुओं से कहा गया है कि वे अपनी दुकानों-प्रतिष्ठानों से उत्सर्जित होने वाले दिनभर के अपशिष्ट को डस्टबिन में संग्रहित करके रखें तथा रात्रि के समय जब निगम का स्वच्छता वाहन दुकान-प्रतिष्ठान के सामने पहुंचे तो उक्त वाहन में ही अनिवार्य रूप से अपशिष्ट को डालें, कचरे को सड़क, नाली, फुटपाथ आदि में कदापि न डालें अन्यथा अर्थदण्ड की कार्यवाही की जा सकती है।
प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न करें- आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने नगर के व्यवसायीबंधुओं, प्रतिष्ठान-दुकान संचालकों से अपील करते हुए कहा है कि प्रतिबंधित प्लास्टिक से बने कैरीबैग, डिस्पोजल सहित अन्य प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री का उपयोग अपनी दुकानों-प्रतिष्ठानों में कदापि न करें, दुकानों में पहुंचने वाले ग्राहकों को भी समझाईश दे कि वे बाजार आते समय कपडे़, जूट आदि के थैले साथ में लेकर आएं, प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरीबैग की मांग दुकानों में न करें। उन्होने कहा है कि प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग एक ओर जहॉं पर्यावरण व साफ-सफाई व्यवस्था में अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव डालता है एवं मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, तो वहीं दूसरी ओर मवेशियों, जानवरों व अन्य प्राणियों के लिए घातक है।