कोरबा

एनटीपीसी कोरबा ने पौधारोपण कर मनाया विश्व पर्यावरण दिवस,

पी.राम प्रसाद ने दिलाई पर्यावरण संरक्षण की शपथ

कोरबा :-पर्यावरण की गिरावट और पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के नेतृत्व में, पर्यावरणविद लोगों को सकारात्मक कार्रवाई करने और बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसी तारतम्य में एनटीपीसी कोरबा इकाई द्वारा विभिन्न कार्यक्रम के साथ साथ एनटीपीसी आवासीय परिसर स्थित सिल्वर जुबली पार्क में करीब 300 पौधों का पौधारोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया।
इस दौरान पी राम प्रसाद ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर पार्क में उपस्थित अधिकारी कर्मचारी सहित जन समूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा धरती पर जीवन के लालन पालन के लिए पर्यावरण प्रकृति का उपहार है। वह प्रत्येक तत्व जिसका उपयोग हम जीवित रहने के लिए करते हैं वह सभी पर्यावरण के अन्तर्गत आते हैं जैसे- हवा, पानी प्रकाश, भूमि, पेड़, जंगल और अन्य प्राकृतिक तत्व। हमारा पर्यावरण धरती पर स्वस्थ जीवन को अस्तित्व में रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित सभी अधिकारी, कर्मरचारी एवं पत्रकार साथियों को पी राम प्रसाद ने पर्यावरण संरक्षण का शपथ दिलाया। उपस्थित सभी ने सामूहिक रूप से शपथ लेते हुए कहा कि हम शपथ लेते की
हम भूमि, जल, वायु, एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित रखने हेतु सदैव सावधानी बरतेंगे एवं प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।  हम प्लास्टिक से बनी सामाग्रियों का वहिष्कार करेंगे।अति आवश्यक होने पर भी कम से कम उपयोग करेंगे,ताकि पर्यावरण प्रदूषित ना हो। हम वनों, झीलों, नदियों एवं वन्य प्राणियों सहित प्रकृति की रक्षा करने एवं उसमें सुधार लाने के लिए यथा संभव प्रयास करेंगे, साथ ही जीव जन्तुओं के प्रति सदैव मन में प्रेम एवं करूँणा का भाव रखेंगे।
हम जल, जंगल एवं जमीन की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। खतरनाक ठोस,द्रव एवं गैस अपशिष्ट का निष्पादन सही ढंग से करेंगे।हम अधिक से अधिक पेड़ लगाकर वैश्विक तापमान कम करने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।
हम पर्यावरण प्रबंधन एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु बनाए गए नियम शर्तों का सदैव अनुपालन करेंगे। हम मानव जीवन के लिए पृथ्वी का संरक्षण जरूरी है इस बात का सदैव ध्यान रखेंगे।
विदित हो कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर एनटीपीसी द्वारा विभिन्न प्रतियोगिता कार्यक्रमों किया गया था। जिसमें अनेक प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर अपना प्रतिभा को प्रदर्शित किया था।प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाया गया।
इस पौधारोपण व पुरस्कृत कार्यक्रम के दौरान पी राम प्रसाद, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) के साथ भानु सामंता, महाप्रबंधक (राखड़ प्रबंधन), एलआर मोहंती, महाप्रबंधक (प्रचालन), मधु एस, महाप्रबंधक (अनुरक्षण), अंबर कुमार, महाप्रबंधक (राखड़ प्रबंधन), श्रीमति ममता मोहंती (उपाध्यक्ष, मैत्री महिला समिति), श्रीमति संगीता अंबर कुमार (उपाध्यक्ष, मैत्री महिला समिति), मनोरंजन सारंगी, विभागाध्यक्ष ( मानव संसाधन), लोकेश महेंद्र, मुख्य चिकित्सा अधिकारी,अन्य विभाग अध्यक्ष गण,केन्द्रीय सुरक्षा बल कोरबा इकाई के कमांडेंट अभिषेक चौधरी, निरीक्षक मनोरमा कुमारी व बल सदस्य, यूनियन असोशिएशन के पदाधिकारी गण एवं पर्यावरण प्रबंधन समूह के सदस्य गण सहित पत्रकार साथी गण उपस्थित थे।
पर्यावरण को लेके अपनी प्रतिबद्धता को सशक्त बनाती एनटीपीसी: पर्यावरण के लिए किए गए हाल के प्रयासों पर एक नज़र
भारत की सबसे बड़ी, एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी ने 5 जून को अपनी सभी साईट्स पर विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम – #ओनली वन अर्थ – के अनरूप कंपनी वृक्षारोपण, शपथ ग्रहण समारोह एवं जागरुकता अभियानों का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैला रहा है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत एनटीपीसी कई स्थायी पहलें कर रही है जिसमें महाराष्ट्र के सोलापुर में स्मार्ट टाउनशिप का उद्घाटन भी शामिल है। आइकॉनिक सप्ताह समारोह के दौरान एनटीपीसी अपने विभिन्न विद्युत स्टेशनों पर एक विशाल वृक्षारोपण अभियान भी आयोजित कर रहा है।
उपभोक्ताओं को स्थायी एवं किफ़ायती विद्युत उपलब्ध कराने के प्रयासों को जारी रखते हुए एनटीपीसी ने यूएन में एनर्जी कॉम्पैक्ट लक्ष्यों की घोषणा की तथा दुनिया में ऐसा करने वाली पहली विद्युत कंपनी गई। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्वसंध्या पर एनटीपीसी पर्यावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और भी सशक्त बना रही है।
विद्युत जगत की यह दिग्गज हाइड्रोजन, कार्बन, बैटरी संग्रहण, इलेक्ट्रिक परिवहन और अपशिष्ट से ऊर्जा के क्षेत्रों में अवसरों पर सक्रियता से काम करती रही है। इसी दिशा में केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की शुरूआत की गई। 2032 तक कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से 60 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य तय किया है।
राष्ट्रीय जल मिशन के मद्देनज़र एनटीपीसी स्थायी उपयोग द्वारा वॉटर फुटप्रिन्ट के अनुकूलन के लिए भी प्रतिबद्ध है तथा अपने संचालन की सभी युनिट्स में वर्षा जल संचय जैसी जल संरक्षण तकनीकों को अपनाकर जल के पुनः उपयोग को बढ़ावा देती है। अपनी इसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए एनटीपीसी ने सीईओ वॉटर मंेंडेट पर भी हस्ताक्षर किए जो यूएनजीसी एवं जल से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले विशेष संगठनों के बीच सहयोगपूर्ण साझेदारी है।
एनटीपीसी ने आधुनिक तकनीकों एवं इनोवेशन्स के माध्यम से स्थायी पहलों को अपनाकर न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद की है, बल्कि जैव विविधता (बायोडाइवर्सिटी) के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्वास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसी श्रृंखला में कंपनी ने इस क्षेत्र में व्यापक दृष्टिकोण एवं मार्गदर्शक सिद्धान्तों की स्थापना हेतू नवीकृत जैवविविधता नीति (बायोडाइवर्सिटी पॉलिसी) 2022 भी जारी की है। एनटीपीसी 2018 में जैवविविधता नीति जारी करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पहली उपक्रम थी तथा उसी साल इंडियन बिज़नेस एण्ड बायोडाइवर्सिटी इनीशिएटिव (आईबीबीआई) की सदस्य भी बन गई।
एनटीपीसी ने अपने संचालन से उत्पन्न होने वाली अपशिष्ट के लिए रीड्यूस, रीयूज़ और रीसायकल के माध्यम से सकुलर इकोनोमी को लागू किया है। कंपनी पूरी तरह से कागज़ रहित प्रक्रिया को अपनाकर अब तक 4 करोड़ से अधिक कागज़ बचा चुकी है, जो तकरीबन 5000 पूरी तरह से उगे वृक्षों के बराबर है। एनटीपीसी पर्यावरण के प्रति सजग है और अपने विद्युत स्टेशनों के आस-पास प्रवासी पक्षियों के लिए आवास का निर्माण भी करती है।
इसके अलावा एनटीपीसी ने नगरपालिका निकाय के सीवेज उपचार संयंत्र से उपचारित सीवेज जल का उपयोग एसटीपी के 50 किलोमीटर के दायरे में स्थित थर्मल पावर प्लांट्स के लिए शुरू किया है। इसने बायोमास पैलेट्स के माध्यम से थर्मल प्लांट्स में को-फायरिंग भी शुरू की हैं
एनटीपीसी अपनी परियोजनाओं में और इनके आस-पास 37 मिलियन से अधिक वृक्ष लगा चुकी है। साथ ही कंपनी वनों को बढ़ावा देने के लिए ‘मियावाकी’ तकनीक अपना रही है, इससे भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने तथा स्थायी जैव विविधता के संरक्षण में मदद मिलेगी। प्रदूषण को कम कर निर्धारित सीमा के भीतर रखने के लिए एनटीपीसी 60 गीगावॉट थर्मल पावर क्षमता के लिए फ्लू गैस डीसल्फराइ़ेशन भी इन्सटॉल कर रही है।
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