कोरबा

संयुक्त सचिव राजेन्द्रन ने कोरबा में स्थापित प्रदेश के पहले वेट रिलिंग इकाई का किया निरीक्षण

महिलाओं द्वारा किये जा रहे कोसा धागाकरण के काम का किया अवलोकन

कोरबा/ भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय अंतर्गत संयुक्त सचिव एवं आकांक्षी जिला कोरबा के प्रभारी अधिकारी  रघुराज माधव राजेंद्रन ने कोसा धागाकरण के लिए कोरबा शहर में स्थापित प्रदेश के पहले वेट रिलिंग इकाई का निरीक्षण किया। संयुक्त सचिव ने रेशम विभाग के कोसाबाड़ी केन्द्र में पहुंचकर महिलाओं द्वारा कोकून से धागा निकालने के किये जा रहे काम का अवलोकन किया। उन्होंने रेशम विभाग के सहायक संचालक से केन्द्र में स्थापित वेट रिलिंग और बुनियाद रिलिंग इकाई के बारे में जानकारी ली। कोसाबाड़ी केन्द्र में लगभग 45 महिलाएं वेट रिलिंग और बुनियाद मशीन से कोसा धागा निकालने के काम में संलग्न हैं। सहायक संचालक एस.डी शर्मा ने संयुक्त सचिव राजेन्द्रन को बताया कि एक ककून में लगभग एक हजार 500 मीटर धागा निकलता है। निकाले गये धागा शत प्रतिशत टसर सिल्क होता है। जिसकी कीमत बाजार में 4500-5500 रूपये होता है। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती रानू साहू, जिला पंचायत के सीईओ नूतन कंवर, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती ममता यादव, एसडीएम कोरबा हरिशंकर पैंकरा सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

सहायक संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के बुनकर उच्च गुणवत्ता के कोसा धागा के लिए चाईना और जापान जैसे देशों पर निर्भर थे। इस कमी को पूरा करने के लिए रेशम विभाग द्वारा वेट रिलिंग मशीन स्थापित किया गया है। इस मशीन से उच्च गुणवत्ता के कोसा धागा निकालने का काम महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। जिससे महिलाओं को प्रति माह अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाओं को धागा निकालने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। सहायक संचालक ने राजेंद्रन को कोकून से कोसा धागा निकालने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। वेट रिलिंग के अलावा महिलाएं बुनियाद मशीन से भी धागा निकालने का काम कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि कोसा धागाकरण से जिले के तीन सौ परिवारों को घर बैठे रोजगार मिल रहा है। महिलाओं को घर में ही कोसा धागा निकालने के लिए मशीन भी दिया गया है। महिलाएं घर के काम के साथ आसानी से धागा निकालने का काम कर रहीं हैं। जिससे महिलाओं को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है।

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