कोरबा

सरकार तुंहर द्वार शिविर में ही मिल गया संदीप को लर्निंग लाइसेंस

नहीं लगाना पड़ा जिला मुख्यालय का चक्कर

कोरबा / लर्निंग लाइसेंस बिना आरटीओ दफ्तर जाये गांव में ही चंद घण्टों में मिल जाए तो बड़ी राहत मिलती है। ड्रायविंग लाइसेंस की जरूरत न केवल वाहन चलाने के लिए जरूरी है वरन विभिन्न अवसरों व स्थानों पर यह एक वैध पहचान पत्र के रूप में पूरे देश में मान्य हैं। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल पर सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत विकासखंड कोरबा के कोरकोमा में आयोजित समाधान शिविर में कई युवाओं के लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया। जहां परिवहन विभाग ने गांव में अपने सभी तकनीकी अमलो के साथ रजिस्ट्रेशन, वेरिफिकेशन ,एप्रूवल जैसे कागजी प्रक्रियाओं को पूरा कर शिविर स्थल पर ही कई युवाओं को अस्थाई (लर्निंग) लाइसेंस प्रदान किया। 26 मई को कोरकोमा में आयोजित सरकार तुंहर द्वार समाधान शिविर में कोरकोमा निवासी 19 वर्षीय युवा संदीप राठिया भी लाभान्वित हुए। जिन्हें कोरकोमा से कोरबा आरटीओ दफ्तर जाये बगैर लर्निंग लाइसेंस मिल गया। संदीप ने बताया कि बिलासपुर में रहकर पढाई करने के कारण अभी तक ड्राइविंग लायसेंस नहीं बनवा पाया था। जिला प्रशासन द्वारा कोरकोमा में आयोजित शिविर में लायसेंस बनने की जानकारी मिलने पर शिविर में आकर लर्निंग लायसेंस के लिए आवेदन किया। परिवहन विभाग के स्टॉल में लायसेंस बनाने के लिए आवश्यक कर्मचारी और कम्प्यूटर आदि तकनीकी चीजों की व्यवस्था की गई थी। आवेदन देने के कुछ घंटो के भीतर ही लर्निंग लायसेंस बनाकर दे दिया गया। संदीप ने बताया कि गांव में ही लायसेंस बन जाने से काफी खुशी हो रही है। शिविर में लायसेंस बन जाने से जिला मुख्यालय स्थित आरटीओ दफ्तर जाने की परेशानी से भी राहत मिल गई।

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