कोरबा (छ.ग.) / छत्तीसगढ़ के 36गढ़ों में शामिल गढ़ लाफा महिषासुर मर्दिनी की धरती पर गुरुवार को बेटी सरस्वती का विवाह ऐतिहासिक रहा। लाफा में शासन-प्रशासन का काफिला उमड़ा रहा। पूरे रीति-रिवाज, रस्म एवं परंपराओं को डॉ. महंत दंपत्ति के द्वारा निभाया जा रहा है।
कोरबा जिले के पाली ब्लाक अंतर्गत ग्राम लाफा में 24 साल पहले वर्ष 1998 में जिस सरस्वती को तत्कालीन गृह, वाणिज्यकर एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. चरणदास महंत ने गोद लिया, आज उसके हाथ पीले कर कन्यादान करते हुए ससुराल के लिए विदा करने रस्म और रिवाज निभाए जा रहे है। ग्राम लाफा में सरस्वती के निवास पर उसके दिवंगत पिता चमरादास एवं माता स्व. श्रीमती वेद कुंवर के सपनों को डॉ. चरणदास महंत धर्मपत्नी कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत के साथ मिलकर पूरा कर रहे हैं। पुत्र सूरज महंत भी उपस्थित रहकर भाई का फर्ज निभा रहे हैं।
सरस्वती के विवाह कार्यक्रम में बिलासपुर जिले के रतनपुर के ग्राम पुडु से पहुंचे बारातियों का धूम-धाम से स्वागत और अगवानी की गई। डॉ. चरणदास महंत ने वर नंद दास के पिता बेचन दास एवं वर पक्ष के लोगों से समधी भेंट की रस्म निभाई। सरस्वती के अन्य परिजनों ने भी इस रिवाज को पूरा किया। हर तरह की विधि और रस्मों को निभाया जा रहा है। सरस्वती-नंद दास का यह विवाह समारोह देखते ही बनता है। ग्रामीणों के लिए भी यह विवाह किसी आश्चर्य और कौतुहल से कम नहीं जिसमें आम और खास का काफिला उमड़ा है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि मां महिषासुर मर्दिनी के आंचल की छाया में बसे ग्राम लाफा और बेटी सरस्वती का ही पुण्य प्रताप है कि आज मैं इस मुकाम पर पहुंचा हूं। सरस्वती के कन्यादान का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ है जो मेरे और मेरे परिजनों के लिए अविस्मरणीय क्षण है। विवाह में पाली-तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा, सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा, कलेक्टर श्रीमती रानू साहू, एसपी भोजराम पटेल, कटघोरा वनमंडलाधिकारी शमा फारूखी, जिला पंचायत के प्रतिनिधि, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सहित कोरबा के अलावा जांजगीर-चाम्पा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरिया, बिलासपुर, सक्ती विधानसभा से बड़ी संख्या में पहुंचे लोग विवाह की शोभा बढ़ाने पहुंचे है। सैंकड़ों वाहनों का काफिला लाफा में पहुंचता रहा जो ग्रामीणों के लिए कौतुहल का विषय रहा। नव दंपत्ति सरस्वती-नंद दास को आशीर्वाद देने के लिए पाली, लाफा, कटघोरा सहित आसपास के गांवों के लोग भी उमड़े हैं। शुभ मुहुर्त में 7 फेरों के साथ सरस्वती पति नंद दास की अर्द्धांगनी बनेगी और उसे ससुराल विदा किया जाएगा।