कोरबा

दशहरा पर्व शा.अवकाश में भी ड्यूटी -शिक्षक हुए बेचैन

गैर शिक्षकीय कार्यों में भी, शिक्षक बनते कोल्हू का बैल

 

कोरबा / दशहरा नवरात्री जैसे महत्वपूर्ण पर्व मे भी शिक्षकों को ड्यूटी के लिए बाध्य किया जाना कतई उचित नहीं। नवरात्रि पर्व का मानव जीवन में एक विशेष महत्व है इस पर्व में अनेक कर्मचारी दुर्गा नवरात्रि का व्रत भी रखते हैं, साथ ही अनेक कर्मचारी इस पर्व के अवकाश में घरेलू विभिन्न नियोजित कार्यक्रम संपादित करने उत्साहित रहते हैं।
ज्ञातव्य हो कि दशहरा एवं दुर्गा नवरात्रि राष्ट्रीय पर्व होने के कारण छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा विभाग के शासकीय विद्यालयों में 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर 2022 तक शासकीय अवकाश भी घोषित किए गए हैं। यदि इस अवकाश में किसी भी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाती है तो कर्मचारी के लिए बेचैन होना स्वभाविक है। विशेष पर्व की शासकीय अवकाश में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के पूर्व जिले के संबंधित एवं सक्षम अधिकारियों को गंभीरता से जरूर विचार करनी चाहिए। कोरबा जिले में शासन द्वारा घोषित शासकीय अवकाश में भी शिक्षा विभाग के लगभग 60 कर्मचारी, शिक्षकों की ड्यूटी गैर शिक्षकीय कार्य चिटफंड/ अनियमित वित्तीय कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों से प्राप्त आवेदनों के स्कूटनी कार्य हेतु शिक्षा विभाग के 12 व्याख्याता,04प्रधान पाठक,05 शिक्षक,31 सहायक शिक्षक,06 क्लर्क कुल 58 कर्मचारियों की गैर शिक्षकीय कार्यों में कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कोरबा द्वारा लाइवलीहुड कॉलेज कोरबा में 03 अक्टूबर 2022 से अन्य आदेश पर्यंत के लिए ड्यूटी करने आदेशित किया गया है, उक्त आदेश जारी होने के अवलोकन पश्चात दशहरा पर्व के शासकीय अवकाश में कर्मचारियों द्वारा नियोजित निजी एवं घरेलू कार्य संपादित होने के पूर्व धराशाई होने से शिक्षक बेचैन एवं रोष से ब्याप्त हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शिक्षा विभाग के शिक्षकों,कर्मचारियों की शासकीय अवकाश की तिथि में ड्यूटी लगाई गई है इस संबंध में जिला कलेक्टर कोरबा के संज्ञान में लाया जाएगा और आग्रह किया जाएगा कि आने वाले भविष्य में शासन द्वारा घोषित शासकीय अवकाश में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के द्वारा किसी भी गैर शिक्षकीय कार्य कराए जाने ड्यूटी हेतु आदेश ना किए जाएं। यदि ड्यूटी आवश्यक भी हो तो विशेष पर्व को ध्यान में रखते हुए शासकीय अवकाश के पश्चात शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाए.।

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