कोरबा

फैक्ट्रियों और खदान प्रबंधनों को अपने इलाको में करने होंगे कोरोना संक्रमण की रोकथाम

कलेक्टर श्रीमती साहू के निर्देश पर एडीएम ने ली बैठक

सार्वजनिक उपक्रमों और खदान प्रबंधनों के प्रतिनिधियों से की चर्चा

सार्वजनिक उपक्रम अपने अस्पतालों में कोविड मरीजों के ईलाज की व्यवस्थाएं विकसित करेंगे

कोरबा/ट्रैक सिटी- कोरोना के बढ़ते संक्रमण का ध्यान में रखते हुए कोरबा में चल रहे बिजली कारखानों, कोयला खदानों और अन्य उद्योगों को अब अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में संक्रमण के रोकथाम के उपाय करने होंगे। संस्थानों में काम करने वाले सभी अधिकारियों एवं कामगारों का शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण कराना भी अनिवार्य होगा। साथ-साथ रिहायशी इलाकों तथा कॉलोनियो में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक इंतजाम करने होंगे। संस्थानों को अपने कर्मियों और अपने इलाके के रहवासियों के कोरोना संक्रमित होने पर ईलाज के लिए जरूरी सुविधाएं और कोविड अस्पताल भी बनाने होंगे। संस्थानो को अपने-अपने क्षेत्र में स्थित अस्पतालों में ऑक्सीजन सुविधा से लैस बिस्तरों और डॉक्टरों तथा पैरा मेडिकल स्टाफ का भी इंतजाम करना होगा। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के निर्देश पर प्रभारी एडीएम सुनील नायक ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एसईसीएल कोल खदान परियोजनाओं के महाप्रबंधकों, सीएसईबी, बालको, लैंको और एनटीपीसी जैसी फैक्ट्रियों के जिम्मेदार प्रतिनिधियों की बैठक ली। उन्होंने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने तथा मरीजों के ईलाज के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करने में जिला प्रशासन को सहयोग करने को कहा। इस बैठक में नगर निगम आयुक्त कुलदीप शर्मा, जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

बैठक में एडीएम ने सभी सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रबंधनों को सौंपी। श्री नायक ने कहा कि संस्थानों में काम करने वाले सभी लोगों के बीच दो गज की दूरी, मास्क पहनना और समय-समय पर हैण्ड सेनेटाइजेशन के इंतजाम संस्थान प्रबंधनों को करने होंगे। एडीएम ने संस्थानों में एक ही समय में अधिक लोगों को काम पर बुलाने के स्थान पर शिफ्टवार ड्युटी लगाकर भीड़ नियंत्रित करने को भी कहा। उन्होंने खदानों और अन्य फैक्ट्रियों में वाहनों के साथ आने वाले ड्रायवरों, कंडक्टरों तथा अन्य कर्मियों के लिए भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रबंधनों को दी। उन्होने इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले, सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी आदि लक्षणों वाले कर्मियों को संस्थानों में प्रवेश नहीं देने और काम पर नहीं लगाने के लिए भी संस्थान प्रबंधनों को निर्देशित किया। श्री नायक ने सभी बड़े औद्योगिक संस्थानों और खदानों में नियमित कामगारों के साथ-साथ ठेके पर लगे कामगारों के लिए भी कोरोना से संबंधित प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए प्रबंधनों को निर्देशित किया।
बैठक में श्री नायक ने औद्योगिक उपक्रमों और कोयला खदान परियोजनाओं की रिहायशी कॉलोनियों में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी उपाए करने के निर्देश प्रबंधन के मौजूद अधिकारियों को दिए। एडीएम ने कोरोना संक्रमित लोगों के ईलाज के लिए सभी सार्वजनिक उपक्रमो के प्रबंधनों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र मे सुसज्जित और सर्वसुविधा युक्त कोविड अस्पताल भी एक सप्ताह के भीतर विकसित करने को कहा। उन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण रिहायशी इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाए जाने पर लोगों को सभी जरूरी मूलभूत सुविधाएं, ईलाज और सुरक्षा भी उपलब्ध कराने के निर्देश प्रबंधनों के प्रतिनिधियों को दिए। एडीएम ने ऐसे सभी कंटेनमेंट जोनों में एक्टिव सर्विलेंस, वैक्सीनेशन आदि के लिए भी प्रशासन का सहयोग करने को कहा। एडीएम ने सभी सार्वजनिक उपक्रमों के क्षेत्रों में स्थित मार्केट, क्लब, वर्कशॉप और आसपास के गांवों का सेनेटाइजेशन और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। माइनिंग क्षेत्रों में कोयला गाड़ियों के चालकों तथा उनके सहायकों के खाने-पीने की जगहों, होटलो और रेस्टोरेंटो का भी सेनेटाइजेशन कराने के निर्देश दिए। एडीएम ने ऐसे सभी ड्रायवरों और सहायकों की रैंडम कोरोना जांच कराने को भी कहा। उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकार क्षेत्रों में कोरोना से बचाव और वैक्सीनेशन के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी प्रबंधन के प्रतिनिधियों को दिए।

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