कोरबा/ट्रैक सिटी न्यूज़। खाद्य, सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने जिला अस्पताल के कैंटीन का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कैंटीन में विभाग से निर्धारित मानकों के विपरीत अनेक खामियां मिली। खासकर स्वच्छता को लेकर की जा रही लापरवाही को लेकर अधिकारीयो ने कैंटीन मैनेजर को जमकर फटकार लगाई। इस दौरान एफएसएसएआई के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश भी दिए गए।
मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित जिला अस्पताल में संचालित कैंटीन में आकस्मिक निरीक्षण एवं जांच कार्यवाही की गई। इस दौरान अधिकारीयो को कैंटीन में ढेरों खामियां देखने को मिली। खासकर साफ-सफाई को लेकर कैंटीन प्रबंधन की बड़ी लापरवाही नजर आई। इसे लेकर टीम के सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कैंटीन प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई। खासकर कोरोनाकाल के बाद से स्वच्छता संबंधी मापदंडों का पालन हर हाल में सुनिश्चित करने को लेकर शासन-प्रशासन सतत सख्त रही है। समय-समय पर दिशा-निर्देश भी जारी किए जाते रहे हैं। निर्धारित गाइडलाइन की अनदेखी कैंटीन से बने खाद्य पदार्थों का उपभोग करने वालों की सेहत पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में कैंटीन प्रबंधन की यह लापरवाही नजरंदाज करने योग्य नहीं थी। लिहाजा टीम की ओर से तय मानकों के अनुरूप व्यवस्था में यथोचित सुधार जल्द से जल्द कर लिए के संबंध में सुधार सूचना पत्र भी जारी किया जा रहा है। इस निरीक्षण एवं जांच कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी विकास भगत एवं ड्रग इंस्पेक्टर विरेंद्र भगत शामिल रहे।
ड्रेनेज सिस्टम में करें सुधार, लाइसेंस का करे डिस्प्ले
अफसरों ने वहां उपस्थित रहे कैंटीन मैनेजर को लाइसेंस डिस्प्ले करने, ड्रेनेज सिस्टम सुधारने, हेंड ग्लब्स व एप्रॉन यूज करने एवं उचित साफ-सफाई नहीं रखने के लिए कड़ी फटकार लगाई गई एवं भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) नियमों के अंतर्गत उनका ध्यान रखते हुए मापदंडों का पालन हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं। व्यवस्था में अपेक्षित सुधार के पश्चान पुन: निरीक्षण की कार्रवाई के लिए सूचित करने भी कहा गया है, ताकि मानकों का पालन धरातल पर देखा जा सके।
अस्पताल के मरीज व परिजनों के लिए डर
खासकर जिला अस्पताल के कैंटीन व परिसर में संचालित खाद्य वस्तुओं से संबंधित अन्य संस्थानों में सुरक्षा मानकों का पालन और भी जरूरी हो जाता है। पहले ही बीमारी से परेशान मरीजों के लिए सुरक्षित खान-पान सुनिश्चित करने का परामर्श तो चिकित्सक भी प्रदान करते हैं। इनके साथ-साथ मरीजों की देख-रेख में जुटे उनके परिजनों के लिए भी अपनी सेहत दुरुस्त रखना जरूरी है। इसलिए नियमों का पालन कड़ाई से हो रहा है या नहीं, इस पर निगरानी आवश्यक हो जाता है।