जांजगीर-चाँपा

मथुरा की तरह जांजगीर (पंतोरा)में भी आज खेली जाएगी लट्ठमार होली

जांजगीर-चांपा/ मथुरा के तर्ज पर जांजगीर चांपा जिले में भी लट्ठमार होली आज खेली जाएगी. हांथों में लट्ठ लेकर लड़कियां लाठियों से गांव से गुजरने वाले लोगों की पिटाई करती हैं जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर बसे एक छोटे से गांव पंतोरा में होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी के अवसर पर पिछले 200 सालों से गांव में लट्ठमार होली खेलने की परंपरा चली आ रही है. ग्राम पंतोरा के ग्रामीणों के लिए इस लट्ठमार होली का विशेष महत्व है. दरअसल ग्रामीणों की मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन लट्ठमार होली खेलने से उनके गांव में आने वाली महामारी और बीमारी दूर होती है.रंग पंचमी के एक दिन पूर्व संध्या गांव से दूर कोरबा जिले के पहांड़ियों में स्थित मां मड़वारानी मंदिर के पहाड़ से पंतोरा ग्राम के ग्रामीण बांस की लाठियां लाकर मां भवानी केमंदिर में बैगा के पास पूजा कर अभिमंत्रित करने के लिए छोड़ देते है. फिर पूरा का पूरा गांव इसी लाठी से दूसरे दिन लट्ठमार होली की शुरूवात करता है. होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी के अवसर पर ग्राम पंतोरा के भवानी मंदिर में गांव के लोग एकत्रित होकर इस लट्ठमार होली की शुरूवात करते है।

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